MalayalamNewsableKannadaKannadaPrabhaTeluguTamilBanglaHindiMarathiMyNation
  • Facebook
  • Twitter
  • whatsapp
  • YT video
  • insta
  • ताज़ा खबर
  • राष्ट्रीय
  • वेब स्टोरी
  • राज्य
  • मनोरंजन
  • लाइफस्टाइल
  • बिज़नेस
  • सरकारी योजनाएं
  • खेल
  • धर्म
  • ज्योतिष
  • फोटो
  • Home
  • Viral
  • इस 34 साल के शख्स से नाटकों से डरते थे तानाशाह लोग, जानिए हाशमी की कहानी

इस 34 साल के शख्स से नाटकों से डरते थे तानाशाह लोग, जानिए हाशमी की कहानी

भारतीय वामपंथी आंदोलन के सांस्कृतिक प्रतिरोध का प्रतीक सफदर हाशमी की 2 जनवरी, 1989 को 34 वर्ष की उम्र में सरेआम हत्या कर दी गई थी। उन पर 1 जनवरी को तब हमला किया गया था, जब वे दिल्ली से सटे साहिबाबाद के झंडापुर गांव में गाजियाबाद नगर पालिका इलेक्शन के दौरान अपने बहुचर्चित नुक्कड़ नाटक 'हल्ला बोल' का प्रदर्शन कर रहे थे। तभी 'जनम' यानी 'जन नाट्य मंच' से जुड़े लोगों पर कांग्रेस के कुछ कार्यकर्ताओं ने हमला कर दिया गया था। इस हमले में रामबहादुर नामक एक नेपाली मजदूर की गोली लगने से मौत हो गई थी। उसने 'जनम' के लोगों को आश्रय दिया था। आपको जानकर हैरानी होगी कि सफदर की मौत के बावजूद 2 दिन बाद उनकी पत्नी मल्यश्री हाशमी ने उसी जगह पर यह नाटक खेलकर पूरा किया था। इस मामले में गाजियाबाद की कोर्ट ने 14 साल बाद 10 लोगों को आरोपी करार दिया था। जानिए सफदश हाशमी की कहानी....

2 Min read
Asianet News Hindi
Published : Jan 02 2021, 12:00 AM IST
Share this Photo Gallery
  • FB
  • TW
  • Linkdin
  • Whatsapp
  • GNFollow Us
16

सफदर हाशमी एक कम्युनिस्ट विचारधारा के नाटककार, लेखक और शिक्षाविद थे। उनका जन्म 12 अप्रैल, 1954 को दिल्ली में हुआ था। इनके पिता का नाम हनीफ और मां का नाम कौमर आजाद हाशमी है। सफदर का बचपन अलीगढ़ और दिल्ली में गुजरा। इन्होंने दिल्ली के सेंट स्टीफेन्स कॉलेज से अंग्रेजी में ग्रेजुएशन किया था। इसके बाद दिल्ली यूनिवर्सिटी से अंग्रेजी में एमए पूरा किया।

26
36

सफदर जन नाट्य मंच और दिल्ली में स्टूडेंट्स फेडरेशन आफ इंडिया(SFI)के संस्थापक सदस्यों में एक थे। जन नाट्य मंच की नींव 1973 में रखी गई थी। सफदर मजदूरों, किसानों और युवाओं की दुर्दशा के खिलाफ थे।

46

1975 में जब इंदिरा गांधी ने देश में आपातकाल लगाया, तब सफदरग गढ़वाल, दिल्ली और कश्मीर की यूनिवर्सिटी में अंग्रेजी के प्रोफेसर रहे। इस बीच नाटक भी करते रहे। इमरजेंसी के बाद वे राजनीति तौर पर सक्रिय हुए। बता दें कि नुक्कड़ नाटक को देश में प्रचलित कराने में सफदर हाशमी की सबसे बड़ी भूमिका रही है।

56

सफदर ने अपने जीवन में 24 नुक्कड़ नाटकों का 4000 बार प्रदर्शन किया। वे मजदूरों की बस्तियों और फैक्ट्रियों के आसपास अपने नुक्कड़ नाटक खेलते थे। उनका एक नुक्कड़ नाटक 'मशीन'  देखने 2 लाख मजदूर पहुंचे थे। आमतौर पर ऐसा किसी नाटक में देखने को नहीं मिलता।

66

सफदर हाशमी ने 1979 में कॉमरेड और सह नुक्कड़कर्मी मल्यश्री से शादी कर ली। सफदर ने कुछ समय पत्रकारिता भी की। सफदर ने नाटकों के अलावा टेलिविजन आदि के लिए भी लेखन और निर्देशन किया। फरवरी, 1989 को मशहूर लेखक भीष्म साहनी ने कुछ लोगों के साथ मिलकर सफदर हाशमी मैमोरियल ट्रस्ट(सहमत) की स्थापना की थी। 

About the Author

AN
Asianet News Hindi
एशियानेट न्यूज़ हिंदी डेस्क भारतीय पत्रकारिता का एक विश्वसनीय नाम है, जो समय पर, सटीक और प्रभावशाली खबरें प्रदान करता है। हमारी टीम क्षेत्रीय, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय घटनाओं पर गहरी पकड़ के साथ हर विषय पर प्रामाणिक जानकारी देने के लिए समर्पित है।
Latest Videos
Recommended Stories
Related Stories
Asianet
Follow us on
  • Facebook
  • Twitter
  • whatsapp
  • YT video
  • insta
  • Download on Android
  • Download on IOS
  • About Website
  • Terms of Use
  • Privacy Policy
  • CSAM Policy
  • Complaint Redressal - Website
  • Compliance Report Digital
  • Investors
© Copyright 2025 Asianxt Digital Technologies Private Limited (Formerly known as Asianet News Media & Entertainment Private Limited) | All Rights Reserved