MalayalamNewsableKannadaKannadaPrabhaTeluguTamilBanglaHindiMarathiMyNation
  • Facebook
  • Twitter
  • whatsapp
  • YT video
  • insta
  • ताज़ा खबर
  • राष्ट्रीय
  • वेब स्टोरी
  • राज्य
  • मनोरंजन
  • लाइफस्टाइल
  • बिज़नेस
  • सरकारी योजनाएं
  • खेल
  • धर्म
  • ज्योतिष
  • फोटो
  • Home
  • Viral
  • दिल्ली दंगों में हीरो बना ये सिख, जलती सड़कों पर उतारा बुलेट और बचाई दर्जनों जान

दिल्ली दंगों में हीरो बना ये सिख, जलती सड़कों पर उतारा बुलेट और बचाई दर्जनों जान

जब दिल्ली दंगे की आग में जल रही थी, तब एक सिख ने अपनी जान की परवाह नहीं करते हुए दंगे से प्रभावित अपने पड़ोसियों की जान बचाई। कहा जाता है कि 1984 के सिख दंगों के बाद जिसमें हजारों लोगों की जान चली गई थी, पहली बार यह दंगा दिल्ली में हुआ जो लगातार तीन दिनों तक जारी रहा। इसमें तीन दर्जन से भी ज्यादा लोगों की जान चली गई। दिल्ली पुलिस के एक हेड कॉन्स्टेबल के साथ एक सुरक्षा अधिकारी को भी अपनी जान से हाथ धोना पड़ा। इस दंगे के दौरान एक सिख ने मानवता और साहस की अनोखी मिसाल पेश की। मोहिन्दर सिंह नाम के इस शख्स ने बुलेट मोटरसाइकिल और स्कूटी के जरिए करीब 60 से लेकर 80 बार अपने मुस्लिम पड़ोसियों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया। उनके इस काम की देशी मीडिया के साथ विदेशी मीडिया में भी जम कर चर्चा हो रही है और सभी उनकी प्रशंसा कर रहे हैं। 53 साल के मोहिन्दर सिंह ने दंगाइयों से लोगों को बचाने का काम अपने बेटे के साथ मिल कर किया। उनका बेटा जहां बुलेट से लोगों को सुरक्षित जगह पर पहुंचा रहा था, वे स्कूटी के जरिए यह काम कर रहे थे। लोगों को बचाने के लिए उन्होंने गोकुलपुरी से कर्दमपुरी के बीच एक घंटे में 20 चक्कर लगाए। उन्होंने कई छोटे बच्चों और महिलाओं के साथ हर उम्र के लोगों को सुरक्षित ठिकाने पर पहुंचाया। उन्होंने कुछ लोगों और बच्चों को सिखों की पगड़ी भी पहना दी, ताकि दंगाई उन्हें मुसलमान नहीं समझें। मोहिन्दर सिंह गोकुलपुरी में अपने बेटे के साथ मिल कर इलेक्ट्रॉनिक्स की एक दुकान चलाते हैं। गोकुलपुरी वह इलाका है, जो इस दंगे से सबसे ज्यादा प्रभावित रहा। बहरहाल, अपनी जान की परवाह किए बिना लोगों को बचाने वाले ऐसे लोग कम ही मिलते हैं। जिन लोगों की जान उन्होंने बचाई है, वे उन्हें कभी नहीं भूल सकते। देखें तस्वीरों में कितना भयानक था दिल्ली का दंगा। 

2 Min read
Asianet News Hindi
Published : Feb 29 2020, 01:43 PM IST| Updated : Mar 01 2020, 06:39 PM IST
Share this Photo Gallery
  • FB
  • TW
  • Linkdin
  • Whatsapp
  • GNFollow Us
110
दिल्ली के दंगे के दौरान 53 साल के मोनिन्दर सिंह ने अपने बेटे के साथ मिल कर कई पड़ोसियों को सुरक्षित जगह पर पहुंचाया और उनकी जान बचाई। उनके इस साहस से भरे काम की देश के साथ विदेशों में भी प्रशंसा हो रही है।
210
आगजनी करते दंगाई। दिल्ली के कई इलाकों में बड़े पैमाने पर आगजनी हुई, जिसमें जान-माल को भारी क्षति पहुंची।
310
दंगे के बाद हुए नुकसान को देखता हुआ एक शख्स। इस दंगे में कई घरों और दुकानों को तोड़ दिया गया। कई लोगों की रोजी-रोटी का जरिया चला गया।
410
दंगे के दौरान इस पेट्रोल पम्प को जलाने की कोशिश की गई। इस पेट्रोल पम्प को काफी नुकसान पहुंचा है।
510
दंगे के दौरान कुछ इस तरह जहां-तहां आग लगाई जा रही थी और पत्थर फेंके जा रहे थे।
610
दंगाइयों की भीड़ पत्थरबाजी और आगजनी करती हुई। दो दिनों तक दिल्ली में पूरी तरह अराजकता का माहौल बना रहा।
710
पुलिस के जवान और अधिकारी दंगाग्रस्त क्षेत्र में गश्त करते हुए।
810
दंगे में फुटपाथ पर सामान बेचने वालों की रेहड़ियां तक जला दी गईं।
910
आखिरकार, दंगाग्रस्त क्षेत्रों में स्थिति को संभालने के लिए अर्धसैन्य बलों को उतारना पड़ा।
1010
पुलिस के जवान दंगे के दौरान जला दिए गए एक घर के पास निगरानी करते हुए। इस दंगे में काफी नुकसान हुआ है।

About the Author

AN
Asianet News Hindi
एशियानेट न्यूज़ हिंदी डेस्क भारतीय पत्रकारिता का एक विश्वसनीय नाम है, जो समय पर, सटीक और प्रभावशाली खबरें प्रदान करता है। हमारी टीम क्षेत्रीय, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय घटनाओं पर गहरी पकड़ के साथ हर विषय पर प्रामाणिक जानकारी देने के लिए समर्पित है।

Latest Videos
Recommended Stories
Related Stories
Asianet
Follow us on
  • Facebook
  • Twitter
  • whatsapp
  • YT video
  • insta
  • Download on Android
  • Download on IOS
  • About Website
  • Terms of Use
  • Privacy Policy
  • CSAM Policy
  • Complaint Redressal - Website
  • Compliance Report Digital
  • Investors
© Copyright 2025 Asianxt Digital Technologies Private Limited (Formerly known as Asianet News Media & Entertainment Private Limited) | All Rights Reserved