भाइयों-बहनों होशियार! बजट आ रहा है, देखिए कुछ फनी फोटोज
- FB
- TW
- Linkdin
विपक्ष को बजट का ठीक वैसे ही इंतजार है, जैसा किसी सास को अपनी बहू के आने का। बहू कितनी भी अच्छी हो, सास की कोशिश होती है कि कोई गलती जरूर मिले। ताकि वो कह सके कि बहू के लक्षण कुछ ठीक नहीं हैं। बेटा हाथ से निकला जा रहा है।
बजट में क्या रखा है? यह जुमला हर कोई बजट आने के बाद कह देता है। खासकर वे लोग जिन्हें बजट का 'ABCD' बिलकुल समझ नहीं आता। लेकिन सरकार भी अगर यही सोचे तो?
बजट को लेकर विशेषज्ञ लंबी-चौड़ीं बातें करते हैं, लेकिन सीधे शब्दों में लोगों को यही नहीं बता पाते कि बजट में आम जनता को क्या फायदा मिलेगा?
कुछ लोग हमेशा कटोरा लेकर बैठे रहते हैं कि बजट में कुछ तो उन्हें मिलेगी ही। ऐसे लोग जो मिले, उसी में संतुष्ट हो लेते हैं।
गरीबों को बजट बिलकुल पल्ले नहीं पड़ता, लेकिन जब सबको इंतजार होता है, तो यह उनका भी नागरिक कर्तव्य है कि वे बजट का स्वागत करें।
वैसे यह जुमला मोदीजी के बारे में कहा जाता है, लेकिन इस मामले में केजरीवालजी ने खुद को तीसमारखां से कम नहीं समझते।
कुछ लोगों को लगता है कि बजट सिर्फ आंकड़ों की बाजीगरी है। यह हेराफेरी हर साल, हर सरकार में होती आई है।
बजट समझ आए या नहीं, लेकिन पान की गुमठियों, चौपालों पर इसकी चर्चा जरूर होती है।