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लॉकडाउन में बेबस पिता का कॉल- मेरी बेटी के पीरियड्स शुरू हो गए हैं, पैड खरीदने को पैसे नहीं है, प्लीज हेल्प
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मलेशिया में अभी तक कोरोना के करीब 57 सौ मामले सामने आ चुके हैं, जिनमें से मौत का आंकड़ा 100 से कम है। इस देश में अभी कोरोना ने बहुत अधिक तबाही नहीं मचाई क्यूंकि सरकार ने सख्ती से लॉकडाउन कर दिया।
लॉकडाउन के कारण देश की सभी दुकानें मॉल्स बंद कर दिए। गए कोरोना के कारण हुए इस लॉकडाउन में लोग राशन स्टॉक करने में लगे। वहीं कई स्टोर्स में सैनिटरी नैपकिन खत्म हो गए।
सरकार ने लोगों तक अनाज की सप्लाई करने के इंतजाम तो किया लेकिन महिलाओं को हर महीने जरुरत पड़ने वाले पैड्स की तरफ किसी का ध्यान नहीं गया।
इस परेशानी में महिलाओं की मदद करने के लिए सामने आई विमला। लॉकडाउन में वो घर-घर जाकर महिलाओं को सैनिटरी पैड्स डिलीवर कर रही हैं।
इस परेशानी में महिलाओं की मदद करने के लिए सामने आई विमला। लॉकडाउन में वो घर-घर जाकर महिलाओं को सैनिटरी पैड्स डिलीवर कर रही हैं। इस बीच एक दिन उन्हें एक पिता का कॉल आया, जो लॉकडाउन के कारण अपनी बेटी और बीवी के लिए पैड्स नहीं खरीद पा रहा था।
इस कॉल के बाद विमला ने तय किया की लॉकडाउन में अब वो जरूरतमंद महिलाओं को पैड्स डिलीवर करेगी।
विमला ने बताया कि इस कॉल ने उसे झकझोर दिया था। लॉकडाउन में सबका ध्यान खाने-पीने की चीजों पर तो गया लेकिन इतनी जरुरी चीज की तरफ किसी का ध्यान नहीं गया।
विमला, जो खुद एक बेटी की मां है, ने बताया कि महिलाएं उनके इस काम से काफी खुश हैं। कई जगह उन्हें पैड वाली दीदी बोला जा रहा है। उसने अपना व्हाट्सऐप नंबर शेयर किया है, जिसपर महिलाएं अपनी रिक्वायरमेंट भेज रही हैं।
अकेले शुरू किये गए इस काम में अब विमला के साथ उनकी कुछ दोस्त भी जुड़ गई हैं। इस संकट की घड़ी में ऐसी कई कोरोना वॉरियर्स लोगों की मदद को सामने आ रहे हैं।