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इंडोनेशिया: फुटबॉल मैच में हारी अपनी टीम तो फैन्स ने मचा दिया कोहराम, स्टेडियम से लेकर सड़कों तक किया दंगा
जकार्ता। इंडोनेशिया में फुटबॉल मैच के दौरान शनिवार रात को स्टेडियम में दंगा भड़कने और भगदड़ से 127 लोगों की मौत हो गई और 180 घायल हो गए। मैच इंडोनेशिया के पूर्वी जावा प्रांत के मलंग शहर के कंजुरुहान स्टेडियम में हो रहा था। पर्सेबाया सुरबाया ने जावानीस क्लब अरेमा को उसके घरेलू मैदान में हरा दिया। इससे नाराज अरेमा के समर्थक भड़क गए और दंगा शुरू कर दिया। स्टेडियम से लेकर सड़कों तक दंगा किया गया। देखें तस्वीरें...
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पुलिस के अनुसार दंगा रात करीब 10:00 बजे शुरू हुआ था। पर्सेबाया सुरबाया से घरेलू टीम की 3-2 से हार के बाद अरेमा के समर्थकों ने सुरक्षा अधिकारियों पर हमला कर दिया था। लोगों ने अपने ही खिलाड़ियों पर बोतलें और अन्य सामान फेंका। खिलाड़ियों को पुलिस और सेना के सुरक्षा अधिकारी ड्रेसिंग रूम में ले गए।
पुलिस ने भीड़ को नियंत्रित करने के लिए आंसू गैस का इस्तेमाल किया, लेकिन स्थिति बिगड़ती गई। पुलिस द्वारा बहुत अधिक आंसू गैस के गोले दागे जाने से लोग बेचैन होकर स्टेडियम से बाहर निकलने की कोशिश करने लगे, जिससे भगदड़ मच गई। अत्यधिक आंसू गैस के कारण मरे हुए लोगों के शव नीले हो गए।
दंगा और भगदड़ के चलते हॉस्पिटल में मरीजों की भीड़ जुट गई। अस्पताल के अंदर अफरा-तफरी मच गई। घायलों की संख्या इतनी अधिक थी कि बेड कम पड़ गए। फर्श पर लिटाकर मरीजों का इलाज किया गया।
पुलिस ने आंसू गैस के इतने अधिक गोले दागे कि गैस के बादल बन गए। अफरा-तफरी के बीच लोग घायलों को लेकर हॉस्पिटल पहुंचे। कोई अपने परिजन को पीठ पर लादकर अस्पताल पहुंचा तो कोई दोस्तों की मदद से घायल को लेकर आया।
देर रात तक स्टेडियम के बाहर दंगा होता रहा। उग्र लोगों ने पुलिस स्टेशन के बाहर हंगामा किया और थाने को आग लगा दी। इस दौरान कई गाड़ियों को भी जला दिया गया।
दंगाइयों ने स्टेडियम के अंदर पुलिस की गाड़ियों में तोड़फोड़ की। सड़क पर काफी देर तक दंगाइयों ने उपद्रव किया। इस दौरान 13 गाड़ियों को जला दिया गया या उनमें तोड़फोड़ की गई।
स्टेडियम में 40 हजार से अधिक लोग मैच देखने पहुंचे थे। दंगा होने पर लोग बाहर निकलने के लिए गेट की ओर भागे। एक साथ हजारों लोग बाहर निकलने की कोशिश कर रहे थे, जिससे चलते भगदड़ मच गई।
34 लोग स्टेडियम के भीतर मारे गए, जबकि बाकियों की मौत हॉस्पिटल में हो गई। हॉस्पिटल में शव रखने की जगह कम पड़ गई थी। कई शवों को फर्श पर रखना पड़ा।