चीन को दोहरा झटका, भारत के बाद अब यूएस बोला- Huawei-ZTE को सुरक्षा के लिए खतरा
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अमेरिका के फेडरल कम्युनिकेशन कमिशन ने मंगलवार को 5-0 की वोटिंग के आधार पर इन कंपनियों को खतरनाक बताया। अमेरिकी सरकार ने इन कंपनियों से करार भी किया हुआ था, इसमें 8.3 बिलियन डॉलर का सामान खरीदना था, लेकिन अब इसपर भी रोक लग गई है।
बता दें कि भारत में भी Huawei पर संकट बरकरार है, बीते दिनों केंद्रीय मंत्रिमंडल की हुई बैठक में इस मसले पर बातचीत हुई। इसमें 5जी नेटवर्क आवंटन में Huawei दावेदार है, लेकिन अब इसपर रोक लग सकती है।
अमेरिका के FCC चेयरमैन अजित पाई ने मंगलवार को अपने एक बयान में कहा था कि 'हम चीनी कंपनी को हमारे नेटवर्क शेयर नहीं कर सकते हैं, जिससे हमारे कम्युनिकेशन इंफ्रास्ट्रक्चर को नुकसान पहुंच पाए। हालांकि, अभी तक इस फैसले पर दोनों कंपनियों का कोई बयान सामने नहीं आया है।
बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पिछले साल मई में एक आदेश पारित किया था। इसके अनुसार, जो भी कंपनी देश की सुरक्षा के लिए खतरा है उनके साथ किसी तरह की टेलिकम्युनिकेशन का कारोबार नहीं किया जाएगा।
अमेरिकी प्रशासन का पहले से ही Huawei के साथ विवाद चल रहा है और इसे ब्लैक लिस्ट में डाला गया है। इसकी ओर से अन्य देशों से भी कहा जा रहा है कि वे Huawei के साथ काम ना करें, क्योंकि ये सुरक्षा के लिए खतरा है।
बता दें कि इससे पहले भारत ने भी सोमवार को 59 चीनी कंपनियों पर बैन लगा दिया, इनको सुरक्षा के लिए खतरा बताया गया है। इनमें शेयर इट, एक्सजेंडर, टिक टॉक और यूसी जैसे ऐप शामिल हैं।