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रामलला के पक्ष में फैसला होने के बाद भड़का पाकिस्तान, कहा- सेक्युलरिज्म पर खुल गई भारत की पोल
| Published : Nov 10 2019, 12:06 PM IST / Updated: Nov 10 2019, 12:30 PM IST
रामलला के पक्ष में फैसला होने के बाद भड़का पाकिस्तान, कहा- सेक्युलरिज्म पर खुल गई भारत की पोल
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पाकिस्तान अखबार द डान में विदेश मंत्रालय का आधिकारिक बयान छपा है। पाक विदेश मंत्रालय ने इस फैसले पर कहा कि- बाबरी मस्जिद के फैसले से साबित हो गया है कि, 'भारत धर्मनिरपेक्षता के नाम पर खोखला है।' पाकिस्तान ने शनिवार को ऐतिहासिक अयोध्या में राम जन्म भूमि और बाबरी मस्जिद विवाद में इंडियन सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए कहा- इससे यह स्पष्ट हो गया है कि "भारत में अल्पसंख्यक अब सुरक्षित नहीं हैं।" इसके अलावा सोशल मीडिया पर अयोध्या फैसले के बाद लगातार पाक की तरफ से ट्वीट होने लगे। हम आपको दिखा रहे हैं कि सोशल मीडिया पर पाक ट्विटर यूजर्स ने किस तरह प्रतिक्रिया दी।
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ट्विटर पर पाकिस्तानी करतारपुर कॉरिडोर को अयोध्या में साल 1992 में हुए बाबरी मस्जिद विध्वंस से जोड़कर आलोचना करते दिखे। ट्रोलर्स का कहना था कि एक तरफ पाकिस्तान में भारतीय सिखों के लिए करतार कॉरिडोर बनवाया गया है। दूसरी ओर उस देश में मस्जिद के पक्ष में फैसला नहीं दिया गया।
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अदालत ने मामले की सुनवाई के बाद तथ्यों के आधार पर राम मंदिर निर्माण की मंजूरी दे दी है। इस बाबत देश भर में लोग जश्न मना रहे हैं। शनिवार 9 नवंबर 2019 को आए इस फैसले पर भारतीय कानून में अब तक का ये सबसे लंबा चलने वाला केस है। फैसले के बाद पाकिस्तानी यूजर्स ने हैशटैग बाबरी और करतार के ट्वीट किए।
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आपको बता दें कि 9 नवंबर को ही पाकिस्तान में करतारपुर कॉरिडोर का उद्घाटन हुआ था। जिसमें भारत की ओर से भी बिना वीजा के सिखों का जत्था गया है।
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अयोध्या फैसले पर भड़के पाक यूजर्स पूर्व पाकिस्तान प्रधानमंत्री जिन्ना के मुस्लिमों के लिए अलग राष्ट्र की मांग को सही ठहराते नजर आए।
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आपको बता दें शनिवार 9 नवंबर का दिन ऐतिहासिक साबित हुआ। आखिरकार पांच जजों वाली चीफ जस्टिस की पीठ ने दशकों से जारी विवाद पर फैसला देकर मामले का निपटारा कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने 1,045 पन्नों के पेज में मुस्लिम पक्ष को 5 एकड़ जमीन देते हुए राम मंदिर निर्माण के आदेश दे दिए हैं। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट की 5 जजों की पीठ ने कहा कि केंद्र सरकार विवादित स्थल पर मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट बनाए और तीन महीने में अपनी योजना सौंपे।