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चीन के झूठ का पर्दाफाश, 3300 नहीं इतने लोगों की हुई मौत, लोग बोले-रोज दिए जा रहे 500 अस्थि कलश
वुहान. कोरोना के संक्रमण से चीन में 3300 लोगों की मौत हुई है। दिसंबर 2019 से जारी कोरोना का कहर अब थम गया है। चीन में संक्रमण और मौत के मामलों में कमी आ रही है। इन सब के बीच चीन के लोगों ने मौत के आंकड़ों की पर झूठ बोलने का आरोप लगाया है। वुहान प्रांत के लोगों का कहना है कि कोरोना की वजह से 3300 नहीं बल्कि 42,000 जानें गईं हैं। डेली मेल की रिपोर्ट के मुताबिक, हुबेई प्रोविन्स के अधिकारियों से जुड़े एक सूत्र ने कहा कि कई निवासी अपने घरों में बिना जांच के ही मर गएं। उन्होंने कहा कि एक महीने के भीतर ही 28 हजार शव दाह किए गए थे, इसलिए अनुमानित आंकड़ा बढ़ाया-चढ़ाया गया नहीं है।
| Published : Mar 30 2020, 03:42 PM IST
चीन के झूठ का पर्दाफाश, 3300 नहीं इतने लोगों की हुई मौत, लोग बोले-रोज दिए जा रहे 500 अस्थि कलश
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वुहान के स्थानीय लोगों ने मृतकों की संख्या को लेकर जो दावा किया है वो अधिकारियां द्वारा जारी किए गए आंकड़ों से कहीं 10 गुना ज्यादा है।
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वुहान में रहने वाले लोगों का कहना है कि अलग-अलग फ्यूनरल होम (शवदाह गृह) से परिजनों को रोज 500 अस्थि कलश दिए जा रहे हैं।
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वुहान में 7 फ्यूनरल होम हैं। यानी रोज करीब 3500 लोगों को अस्थि कलश दिए जा रहे हैं। जिससे यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि चीन में मौत का आंकड़ा क्या होगा।
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हंकोऊ, वुचांग और हान्यांग में रहने वाले मृतकों के परिजनों को कहा गया है कि उन्हें अस्थि कलश 5 अप्रैल तक दिए जाएंगे।
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डेली मेल के ही एक रिपोर्ट के मुताबिक, इसका मतलब है कि 12 दिनों में 42 हजार लोगों के अस्थि कलश बांटे जा सकते हैं।
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इससे पहले स्थानीय मीडिया की रिपोर्ट में कहा गया था कि हंकोऊ के फ्यूनरल होम में सिर्फ दो दिनों के भीतर 5 हजार अस्थि कलश की डिलीवरी कराई गई है।
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कोरोना वायरस के संक्रमण के कम होते खतरे के बाद चीन ने हुबेई प्रोविन्स में लगाए गए लॉकडाउन में छूट देना शुरू कर दिया है। स्कूल और मॉल खुलने की रिपोर्टें भी आ रही हैं।
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वुहान प्रांत में जिन लोगों को ग्रीन हेल्थ सर्टिफिकेट दिए गए हैं, वे लोग ही हुबेई प्रोविन्स छोड़कर जा सकते हैं। ग्रीन सर्टिफिकेट का मतलब है कि उन लोगों के टेस्ट निगेटिव आए हैं।
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ग्रीन हेल्थ सर्टिफिकेट पाने वालों के अलावा किसी और को वुहान छोड़कर जाने की इजाजत नहीं है।
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23 जनवरी से ही हुबेई में प्रतिबंध लगाए गए हैं। 25 मार्च को पहली बार कई प्रतिबंध हटाए गए थे। हालांकि, वुहान शहर से बाहर निकलने पर प्रतिबंध 8 अप्रैल तक जारी रहेंगे।
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वुहान के एक व्यक्ति झांग ने बताया कि शवदाह गृह में काम करने वाले लोग 24 घंटे काम कर रहे हैं, इसलिए यह सही नहीं हो सकता कि इतने कम लोग मरे हों। यह बातें रेडियो फ्री एशिया की रिपोर्ट में कहीं गई हैं।
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कोरोना वायरस के संक्रमण की शुरूआत चीन के वुहान से हुई थी।
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इससे पहले न्यूयॉर्क पोस्ट ने स्थानीय मीडिया के हवाले से खबर दी थी वुहान के एक शवदाह गृह में दो दिनों के भीतर 5 हजार अस्थि कलश की डिलीवरी कराई गई है। जिसके बाद चीन पर लगाए जा रहे झूठ बोलने के आरोपों में दम दिखने लगा है।
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चीन में दिसंबर 2019 से कोरोना का कहर जारी है। यहां अभी तक 3304 लोगों की जान गई हैं। चीन में अब तक 81,470 लोग संक्रमित पाए गए हैं।
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दुनिया भर में भी कोरोना का कहर जारी है। चीन से ज्यादा कोरोना वायरस का आतंक इटली में देखने को मिला है। इटली में अब तक 10,779 लोगों की मौत हो गई है। वहीं, 97,689 लोग पॉजिटिव पाए गए हैं।
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चीन और इटली के बाद स्पेन भी सबसे ज्यादा कोरोना की मार झेल रहा है। स्पेन में कोरोना से अब तक 7340 मौतें हुईं हैं। वहीं संक्रमित मरीजों की संख्या भी 85,195 तक पहुंच गई है।
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अमेरिका में कोरोना से संक्रमित मरीजों की संख्या 142,737 हो गई है। जबकि मरने वालों की संख्या 2489 हो गई है। कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए पूरे शहर को लॉकडाउन कर दिया गया है। इसके साथ राष्ट्रपति ट्रंप ने पिछले दिनों अमेरिका में हेल्थ इमरजेंसी भी लगा दी थी।