- Home
- World News
- इंतजार खत्म: सिर्फ 2 दिन में कोरोना का होगा खात्मा, दुनिया की पहली वैक्सीन ऐसे देगी वायरस को मात
इंतजार खत्म: सिर्फ 2 दिन में कोरोना का होगा खात्मा, दुनिया की पहली वैक्सीन ऐसे देगी वायरस को मात
- FB
- TW
- Linkdin
रूस की समाचार एजेंसी स्पतनिक के मुताबिक, कोरोना वायरस के खिलाफ इम्युनिटी हासिल करने के लिए ये वैक्सीन सभी को दी जाएगी। अभी तक इस वैक्सीन से नुकसान के संकेत नहीं मिले हैं। इस वैक्सीन का उत्पादन सितंबर से बड़ी मात्रा में शुरू हो सकता है। अक्टूबर में पूरे रूस में टीका लगाने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। आईए जानते हैं कि ये वैक्सीन कैसे काम करती है?
इस वैक्सीन को मॉस्को के गामलेया रिसर्च यूनिवर्सिटी ने तैयार किया है। इसे एडेनोवायरस के आधार पर बनाए गए पार्टिकल्स को इस्तेमाल करके बनाया गया है। यूनिवर्सिटी के प्रमुख एलेक्जेंडर गिंट्सबर्ग ने बताया कि इस वैक्सीन में ऐसे पार्टिकल्स यूज किए गए हैं जो अपनी कॉपीज नहीं बना सकते। उन्होंने बताया, जो पार्टिकल्स अपनी कॉपीज बना लेते हैं, उन्हें जीवित माना जाता है।
टीके के बाद आता है बुखार
एलेक्जेंडर ने बताया, इस वैक्सीन के बाद लोगों को बुखार आ सकता है। इसके लिए उन्होंने लोगों से पैरासिटामॉल इस्तेमाल करने की सलाह दी है। उन्होंने बताया, टीका लगने के बाद इम्युन सिस्टम को पावरफुल बूस्ट मिलता है, इससे प्राकृतिक रूप से बुखार आ सकता है। लेकिन इस साइड इफेक्ट को पैरासिटामॉल से दूर किया जा सकता है।
रिसर्चर्स ने खुद किया टीके का इस्तेमाल
कुछ मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो इस टीके को खुद एलेक्जेंडर समेत कई रिसर्च करने वाली टीम के सदस्यों ने भी लगवाया है। रूस के स्वास्थ्य मंत्री भी कह चुके हैं कि इसी महीने हेल्थ वर्कर्स को यह वैक्सीन दी जा सकती है।
WHO ने उठाए सवाल
उधर, रूस ने दुनिया की पहली कोरोना वैक्सीन बना ली है, इसपर एक्सपर्ट भरोसा नहीं कर पा रहे हैं। वहीं, विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी इस पर सवाल उठाए हैं। WHO का कहना है कि अभी तक उनके पास रूसी वैक्सीन से जुड़ी कोई जानकारी या डेटा नहीं आया है।
WHO ने सभी देशों से COVAX फैसिलिटी जॉइन करने की अपील की है। COVAX एक अंतरराष्ट्रीय गठबंधन है। इसे वैक्सीन के डेवलपमेंट और मैनुफैक्चरिंग को तेज करने के लिए बनाया गया है। इस गठबंधन का मकसद है कि सभी देशों को कोरोना की वैक्सीन मिल सके। इसके जरिए फंड्स भी जुटाए जा रहे हैं। WHO के मुताबिक, 15 जुलाई तक इस गठबंधन में 75 देशों ने इंटरेस्ट दिखाया है। हालांकि, अभी तक यह जानकारी सामने नहीं आई, कि इसमें कितने सदस्य बने।