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अब कोरोना का होगा दी एंड, वैक्सीन बनाने में इस देश ने मारी बाजी, सबसे पहले किया सफल ह्यूमन ट्रायल
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दुनियाभर में कोरोना वायरस के 1.30 करोड़ मामले सामने आ चुके हैं। 5.71 लाख लोगों की मौत हो चुकी है। महामारी से सबसे प्रभावित देश अमेरिका, ब्राजील, भारत, रूस, स्पेन, ब्रिटेन, इटली और फ्रांस हैं। दुनिया के तमाम देश कोरोना की वैक्सीन बनाने में जुटे हैं। हालांकि, अभी तक किसी को सफलता नहीं मिली थी।
मास्को स्थित सेचेनोव यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने दावा किया है कि उन्होंने वैक्सीन के परीक्षणों को सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है। इस दावे के मुताबिक, सभी परीक्षण करने वाली यह पहली वैक्सीन भी बन गई है।
इंस्टीट्यूट फॉर ट्रांसलेशनल मेडिसिन एंड बायोटेक्नोलॉजी के निदेशक वदिम तरासोव ने बताया, 18 जून को इस वैक्सीन का परीक्षण शुरू किया गया था। जिन लोगों पर यह टीका इस्तेमाल किया गया था, उनके एक समूह को बुधवार को और दूसरे समूह को 20 जुलाई को छुट्टी दी गई।
वैक्सीन बनाने वाले विशेषज्ञों का कहना है कि अध्ययन में यह देखा गया कि टीका मनुष्यों की सुरक्षा में सफल रहता है या नहीं। यह ट्रायल सफलता पूर्वक पूरा हुआ है।
अब यूनिवर्सिटी एक और टीका बनाने की योजना पर काम कर रही है। इसमें वायरस के साथ महामारी की स्थिति और टीकों के उत्पादन को बड़ी मात्रा में किए जाने की संभावना है।
दुनियाभर में कोरोना वायरस की 160 वैक्सीन पर काम चल रहा है। WHO के मुताबिक, 21 वैक्सीन क्लिनिकल इवैलुएशन की स्टेज में हैं।
उधर, थाइलैंड में कोरोना की वैक्सीन का बंदरों और चूहों पर सफल टेस्ट हो चुका है। दोनों में एंटीबॉडीज भी बनीं। ऐसे में अब इंसानों पर भी ट्रायल शुरू होना है। वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि इंसानों पर भी इसका बेहतर असर देखने को मिलेगा। उनका कहना है कि अगर वे ट्रायल में सफल होते हैं तो अगले साल जून तक वैक्सीन बना सकते हैं।
भारत में क्या है स्थिति?
भारत ने भी कोरोना वैक्सीन के निर्माण में तेजी से कदम बढ़ाए हैं। भारत में कोरोना की वैक्सीन COVAXIN का जल्द ह्यूमन ट्रायल शुरू हो सकता है। इसके लिए वालंटियर्स ने रजिस्ट्रेशन करा लिया है।
इसका परीक्षण दिल्ली, पटना एम्स समेत 12 संस्थानों में किया जाना है। उम्मीद जताई जा रही है कि इस साल के आखिर तक वैक्सीन बनकर तैयार हो सकती है।