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बनते-बिगड़ते तारों की ये तस्वीर पहले कभी नहीं देखी होगी, नासा के टेलिस्कोप ने खींचीं अंतरिक्ष की अद्भुत Photos
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गैलेक्सी ग्रुप 1 (Galaxy Cluster 1)
जेम्स वेब टेलिस्कोप से ली गई पहली तस्वीर को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और नासा ने मिलकर रिवील किया था। इस तस्वीर में SMACS 0723 नाम के एक आकाशगंगा समूह को देखा जा सकता है। नासा का कहना है कि इससे आकाशगंगा के साथ ही ब्लैक होल पर भी अच्छे से रिसर्च की जा सकेगी।
गैलेक्सी ग्रुप- 2
दूसरी फोटो भी SMACS 0723 की है, लेकिन इस बार इसे और करीब से लिया गया है। इनमें से कई चीजें उसी तरह नजर आ रही हैं, जैसी 13.5 अरब साल पहले दिखती थीं। नासा के मुताबिक, जेम्स वेब टेलिस्कोप को इस एक फाटो को बनाने में 4 दिन का वक्त लगा है।
दक्षिणी रिंग (Southern Ring)
नासा द्वारा जारी की गई तीसरी फोटो में सदर्न रिंग नाम के नेबुला के एक तारे को देखा जा सकता है। नेबुला गैस और धूल से बनने वाले बादल होते हैं, जिनके बीच तारों का जन्म होता है। इस नेबुला का यह तारा खत्म होने की कगार पर है, जिससे इसकी ऊर्जा बाहरी परतों पर देखने को मिल रही है। नासा ने सदर्न रिंग नेबुला के बारे में कहा- बुझता हुआ सितारा इस दृश्य के केंद्र में है जो गैस के रिंग और धूल को हजारों साल से हर तरफ से छोड़ रहा है। बता दें कि सदर्न रिंग पृथ्वी से करीब 2500 प्रकाश वर्ष दूर है।
स्टीफंस क्विनटेट (Stephen’s Quintet)
जेम्स वेब टेलिस्कोप से ली गई चौथी फोटो में स्टीफंस क्विनटेट को देखा जा सकता है। यह दुनिया का पहला गैलेक्सी ग्रुप है, जिसे वैज्ञानिकों ने खोजा था। इस समूह में 4 से 5 गैलेक्सियां हैं, जो बहुत तेजी से एक दूसरे के बेहद करीब आ रही हैं। इस फोटो में वे गैलेक्सी भी दिख रही हैं, जो बिग बैंग के बाद बनी थीं।
कैरिना नेबुला (Carina Nebula)
पांचवी फोटो है कैरिना नेबुला की। पृथ्वी से 7,600 प्रकाश वर्ष दूर यह ब्रह्मांड के सबसे बड़े नेबुला में से एक है। इस फोटो को देख दुनियाभर के अंतरिक्ष वैज्ञानिक हैरान रह गए हैं। देखने में यह नेबुला किसी पहाड़ की तरह लग रहा हैं। इस नेबुला में नीचे की ओर धूल के बादल हैं, जबकि ऊपर की तरफ गैस है।
WASP-96b ग्रह
छठी फोटो धरती से 1150 प्रकाश वर्ष दूर स्थित एक ग्रह की है, जिसका नाम WASP-96b है। इस फोटो में ग्रह के वातावरण में मौजूद तरंगों (वेवलेंथ) के बारे में बताया गया है। यहां पर वॉटर वेपर होने की संभावना भी जताई गई है।
जेम्स वेब स्पेस टेलिस्कोप अंतरिक्ष में भेजी गई अब तक की सबसे बड़ी और भारी ऑब्जर्वेटरी है। इस इन्फ्रारेड टेलीस्कोप को बनाने में 900 करोड़ डॉलर (6750 करोड़ रुपए) की लागत आई थी। इसे अमेरिका के फ्रेंच गुयाना से 2021 में लॉन्च किया गया था। इसका वजन 6,350 किलो है।
जेम्स वेब स्पेस टेलिस्कोप को नासा, यूरोपियन स्पेस एजेंसी और कैनेडियन स्पेस एजेंसी ने तैयार किया है। यह दुनिया का सबसे ताकतवर टेलिस्कोप है। इसकी क्षमता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि यह अंतरिक्ष से धरती पर उड़ रही चिड़िया की तस्वीर भी आसानी से ले सकता है।
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