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3 बार मौत के मुंह से बची महिला ने रोते हुए सुनाई गाय की दु:खद कहानी, जानें यूक्रेन में क्या हुआ उसके साथ?
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जिस पुराने बम आश्रय(old bomb shelter)में छुपकर नताल्या और उसके परिवार की जान बची, वो 1941 में बनाया गया था। यानी द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान गांववालों ने वहां छुपकर जान बचाई थी। नताल्या का 36 साल पुराना घर बर्बाद हो गया। फोटो क्रेडिट-Anna Myroniuk/kyivindependent.com
नताल्या ने रोते हुए बताया-चेर्निहाइव के बाहर स्थित नोवोसेलिव्का गांव 9 अप्रैल, 2022 को रूसी बमों और गोले से पूरी तरह नष्ट हो गया। मैंने अपने बच्चों को वहा जन्म दिया। मैंने उन्हें वहां पाला। मेरे पोते वहां पैदा हुए। मैंने गाय को बचाने के लिए उसे खोल दिया। सच कहूं तो मुझे नहीं पता कि वह कहां है। मुझे इसके लिए खेद है। फोटो क्रेडिट-Anna Myroniuk/kyivindependent.com
यूक्रेन के स्थानीय अधिकारियों के अनुसार अकेले क्षेत्रीय राजधानी चेर्निहाइव ओब्लास्ट(CHERNIHIV OBLAST) में रूसी हमलों में 200 नागरिकों सहित 700 लोग मारे गए हैं। जबकि पड़ोसी गांवों में कितने लोग मारे गए होंगे, इसका अभी पता नहीं है। कई शवों के अभी भी मलबे में दबे होने की आशंका है। फोटो क्रेडिट-Anna Myroniuk/kyivindependent.com
गए। लोगों ने 21 दिन छिपकर अपनी जान बचाई। ये शेल्टर या छोटे बेसमेंट सोवियत संघ के समय बनाए गए थे। ये पिछली बार 80 साल पहले इस्तेमाल किए गए थे। फोटो क्रेडिट-Anna Myroniuk/kyivindependent.com
जिस बम शेल्टर में नताल्या छुपी हुई थीं, उसमें बच्चों, बुजुर्गों और एक गर्भवती महिला सहित 15 लोग मौजूद थे। वे सभी बच गए जबकि कई पड़ोसी मारे गए। चेर्निहाइव के बाहरी इलाके में जहां तबाही मची हुई है, वहीं 285,000 लोगों की क्षेत्रीय राजधानी को भी भारी नुकसान हुआ है। फोटो क्रेडिट-Anna Myroniuk/kyivindependent.com