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फाइटर प्लेन से लेकर मिसाइल तक ये हैं रूस के 10 खतरनाक हथियार, अमेरिका भी नहीं करना चाहता सामना
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A-235 PL-19 नुडोल रूस का एंटी सैटेलाइट मिसाइल है। यह धरती का चक्कर लगा रहे उपग्रह को नष्ट कर सकता है। यह 1500 किलोमीटर ऊंचाई तक की कक्षा में मौजूद उपग्रह पर हमला कर सकता है। इस तरह के हथियारों का निर्माण दुश्मन के सैन्य और खुफिया टोही उपग्रहों को खत्म करने के लिए किया जाता है।
रूस ने जिक्रोन नाम का नया हाइपरसोनिक क्रूज मिसाइल बनाया है। इसकी अधिकतम रफ्तार 6 मैक (हवा में आवाज की गति से 6 गुणा तेज रफ्तार) है। इसके चलते मिसाइल को ट्रैक करना और नष्ट करना बहुत कठिन होता है। इस मिसाइल का इस्तेमाल हमला करने आ रहे बैलिस्टिक मिसाइल को नष्ट करने के लिए किया जा सकता है। इसका रेंज 1000 किलोमीटर से अधिक है।
अमेरिका के बाद रूस एक मात्र देश है जिसके पास लंबी दूरी तक हमला करने वाले स्ट्रेटेजिक बॉम्बर विमान हैं। रूस के पास Tu-160 जैसा सुपरसोनिक बॉम्बर है। इसके साथ ही रूसी कंपनी टुपोलेव PAK DA नाम का स्टिल्थ बॉम्बर भी बना रही है। इस बॉम्बर को 5000 किलोमीटर तक मार करने वाले मिसाइल से लैस किया जाएगा।
सुखोई SU 57 पांचवी पीढ़ी का रूसी लड़ाकू विमान है। यह हवा में उड़ान के दौरान पूरी तरह रुक सकता है और किसी UFO की तरह मंडरा सकता है। हवा में दो विमानों के बीच होने वाली लड़ाई में यह क्षमता काफी काम आती है। इससे विमान हमला करने आ रहे मिसाइल को चकमा दे पाता है और खुद को मिसाइल फायर करने की स्थिति में ला पाता है।
रूस के सुखोई परिवार के लड़ाकू विमानों को दुनिया के सबसे बेहतर लड़ाकू विमानों में गिना जाता है। रूस की सेना के पास SU-30, SU-34 और SU-35 फाइटर प्लेन हैं। दो इंजन वाले ये विमान हवा से हवा की लड़ाई और जमीन पर हमला करने में बेहद सक्षम माने जाते हैं। ये विमान रूसी वायु सेना के बैकबोन हैं। इनकी मुख्य खासियत लंबा रेंज और बड़े हथियार ले जाने की क्षमता है।
यासेन क्लास सबमरीन रूस की मुख्य हमलावर पनडुब्बी है। परमाणु ऊर्जा से चलने वाली इस सबमरीन को लंबे समय तक पानी के नीचे रखा जा सकता है। यह 600 मीटर की गहराई तक गोता लगा सकती है। यह लंबी दूरी तक परमाणु हमला करने वाले क्रूज मिसाइलों से लैस है।
शकवाल रॉकेट-टॉरपीडो को पानी के अंदर आगे बढ़ने के लिए रॉकेट इंजन से ताकत मिलती है। इसकी रफ्तार 555 किलोमीटर प्रतिघंटा है। यह किसी आम टॉरपीडो से छह गुणा तेज रफ्तार से आगे बढ़ता है। रॉकेट इंजन की मदद से टॉरपीडो के चारों ओर एक गैस बबल बन जाता है। इससे टॉरपीडो को पानी में तेज रफ्तार से पाने में मदद मिलती है। तेज रफ्तार के चलते इसके हमले से बचना कठिन होता है।
माइक्रोवेव हथियार दुश्मन के हथियारों के इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम को नाकाम कर देता है। इस हथियार को BUK मिसाइल सिस्टम पर फिट किया जा सकता है। यह दुश्मन की मिसाइलों और ड्रोन को मार गिराने में सक्षम है। यह हथियार विकिरण विस्फोट का उत्सर्जन करता है, जिससे मिसाइल या ड्रोन का इलेक्ट्रॉनिक और गाइडेंस सिस्टम काम करना बंद कर देता है।
यूरेन-9 कॉम्बैट रोबोट टैंक की तरह काम करता है। सैनिक इसे दूर रहकर ऑपरेट कर सकते हैं। आकार में छोटा यह रोबोट कई तरह के घातक हथियारों के लैस है। यह एंटी टैंक मिसाइल और एंटी एयरक्राफ्ट मिसाइल फायर कर सकता है। इसमें 30 एमएम का तोप और एक मशीन गन लगा है।
रूस के पास दुनिया का सबसे बेहतर एयर डिफेंस सिस्टम है। रूसी सेना एस-400 एयर डिफेंस सिस्टम का इस्तेमाल कर रही है। इसके साथ ही नई पीढ़ी के सतह से हवा में मार करने वाले मिसाइल सिस्टम एस-500 को भी रूस ने बना लिया है। रूसी सेना इस सिस्टम की टेस्टिंग कर रही है। एस-400 का रिस्पॉन्स टाइम 9-10 सेकंड है। वहीं, एस-500 का रिस्पॉन्स टाइम मात्र 3-4 सेकंड है।