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तालिबान के क्रूर लड़ाकों से अकेले 18 घंटे तक लड़ता रहा ये अफगानी पुलिस अफसर; फिर से जहन्नुम बन गया ये देश
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अहमद शाह अफगानिस्तान में ऐसे अकेले पुलिस अधिकारी नहीं है, जो तालिबान के खिलाफ लड़ने को तैयार हैं, ऐसे हजारों लोग अब भी जान हथेली पर लेकर देश के लिए लड़ रहे हैं।
तालिबान के खिलाफ आम नागरिकों ने उठाए हथियार
तालिबान अफगान शहरों के अंदर जाकर अफगान सेना से लड़ाई से बच रहा है। इसके पीछे एक वजह आम नागरिकों का अफगानी सेना को समर्थन है। आम नागरिकों ने तालिबान के खिलाफ हथियार उठा लिए हैं।
यह तस्वीर अलजजीरा (Jalil Rezayee/EPA) से साभार ली गई है।
तालिबान के लौटते ही अफगानिस्तान में महिलाओं के लिए फिर जहन्नुम तैयार, बुर्के में भी खौफ
महिलाओं को लेकर तालिबान का शुरू से ही दकियानूसी रवैया रहा है। इस संबंध में aopnews.com पर एक लेख छापा गया है। इसमें कहा गया है कि तालिबान ने महिलाओं को अकेले घर से निकलने पर पाबंदी लगा दी है। लड़कियों को फिर से स्कूल जाने से रोक दिया है। लड़कियों का जबर्दस्ती तालिबानी लड़ाकों से निकाह कराया जा रहा है। यही नहीं; पुरुषों को पांच वक्त की नजाम पढ़ने और दाढ़ी नहीं कटवाने के लिए प्रताड़ित किया जा रहा है। नाइयों को धमकाया जा रहा है।
यह तस्वीर काबुल में 2004 में खींची गई थी। साभार-Steve Dupont
यह तस्वीर परवान प्रांत के घोरबंद इलाके की है। यहां तालिबान विरोधी लड़ाई के लिए तैयार हैं। यह अलग बात है कि अमेरिकी सेना की वापसी से अफगानिस्तान की सरकार का तालिबान के आगे टिक पाना मुश्किल है।
यह तस्वीर अलजजीरा (राइटर) से साभार ली गई है।
यह तस्वीर अफगानिस्तान और पाकिस्तान बॉर्डर की है। अफगानिस्तान से बड़ी संख्या में पलायन बढ़ रहा है। तालिबानी शासन के डर से लोग घर-बार छोड़कर पाकिस्तान में शरण ले रहे हैं।
तस्वीर साभार Akhter Gulfam/EPA