सार
'नागरिकता' के मुद्दे ने भले ही प्याज की राजनीति को पीछे धकेल दिया हो, लेकिन प्याज अभी भी रुला रही है। यह मामला बहन-भाई और प्याज के प्यार से जुड़ा है।
रेवाड़ी, हरियाणा. इन दिनों देश में 'नागरिकता' के मुद्दे पर राजनीतिक घमासान मचा हुआ है। लेकिन प्याज अभी भी लोगों को रुला रही है। यह दीगर बात है कि 'नागरिकता' के मुद्दे के चलते प्याज की राजनीति पीछे चली गई है। कुछ समय पहले तक प्याज 200 रुपए प्रति किलो तक पहुंच गई थी। कई जगहों पर प्याज की चोरी किए जाने की घटनाएं भी सामने आई थीं। लेकिन यहा मामला भाई-बहन और प्याज के प्यार से जुड़ा है।
भाई ने आधे एकड़ में प्याज उगाई थी
यह मामला रेवाड़ी के रहने वाले सतपाल सिंह और उनकी बहन सुलोचना के रिश्ते से जुड़ा है। इस रिश्ते में प्याज और मजबूती लाई है। सतपाल रेवाड़ी जिले के डहीना गांव में रहत हैं। सुलोचना की ससुराल महेंद्रगढ़ जिले के गांव भीलवाड़ा में है। सुलोचना को मालूम था कि इस बार भाई ने आधा एकड़ में प्याज की खेती की है। उसने भाई को फोन लगाया और कहा कि इस बार मकर संक्रांति पर उसे गुड़ नहीं, प्याज चाहिए। बस फिर क्या था, सतपाल ट्रैक्टर पर बोरी भरकर प्याज लेकर बहन के घर पहुंच गए। प्याज के साथ वे देसी घी भी लेकर गए थे। भाई को प्याज लाए देख बहन भावुक हो उठी।
उल्लेखनीय है कि मकर संक्रांति पर परंपरा है कि बेटियों को मायके की ओर से गुड़ और घी भेजा जाता है। लेकिन सतपाल ने बहन की इच्छा को ध्यान में रखकर गुड़-घी के अलावा प्याज भी दी।