सार
बलराज कुंडू का कहना था कि सभी प्रभावित किसानों तक मुआवजा राशि नहीं पहुंच पाई है। महम में अभी तक सिर्फ 15 गांवों में कुछ ही किसानों को खराब फसल का मुआवजा मिला है। जबकि मेरे हल्के के सभी 42 गांवों में फसलें बुरी तरह बर्बाद हुई हैं।
चंडीगढ़। हरियाणा विधानसभा में बजट सत्र का गुरुवार को दूसरा दिन है। इस दौरान खराब फसलों का मुआवजा नहीं दिए जाने का मामला उठाया गया है। महम से विधायक बलराज कुंडू ने सवाल उठाए। इस पर डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने कुंडू के सवालों के जवाब दिए।
बलराज कुंडू का कहना था कि सभी प्रभावित किसानों तक मुआवजा राशि नहीं पहुंच पाई है। महम में अभी तक सिर्फ 15 गांवों में कुछ ही किसानों को खराब फसल का मुआवजा मिला है। जबकि मेरे हल्के के सभी 42 गांवों में फसलें बुरी तरह बर्बाद हुई हैं। खेतों में जाकर गिरदावरी/ रिपोर्ट बनाने की बजाय किसी एक बैठक में जाकर विभागीय कर्मचारी खानापूर्ति करते हैं।
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किसानों का नुकसान करने वालों पर कार्रवाई हो
कुंडू ने कहा कि गलत रिपोर्ट बनाकर किसानों का नुकसान कराने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों पर भी कड़ी कार्रवाई हो। किसानों को मुआवजा ना मिलने के बारे सप्लीमेंट्री पूछने की इजाजत ना देने पर कुंडू ने तीखे तेवर दिखाए। सदन में कुंडू के साथ किरण चौधरी आईं। उन्होंने इसे महत्वपूर्ण इश्यू बताया है। कुंडू ने निष्पक्ष स्पेशल गिरदावरी और मुआवजे की मांग की है। इस सबके बीच, सीएम मनोहर लाल खट्टर ने जवाब दिया और कहा- सरकार गिरदावरी करवा रही है।
फसल गिरदावरी के बारे में जानिए
यह खेती से संबंधित एक प्रक्रिया है, जो साल में दो बार रबी और खरीफ की फसल के दौरान होती है। गिरदावरी प्रक्रिया को पटवारी द्वारा किया जाता है। इसमें खेत की जानकारी को शासन के राजस्व विभाग में दर्ज की जाती है। जैसे कितने रकबे में कितनी और कौन सी फसल की बोवनी हुई है। पटवारी अपने क्षेत्र के किसानों के पास जाकर जानकारी को एकत्रित कर गिरदावरी रिपोर्ट को तैयार करते हैं।