सार
बजट सत्र के दौरान कर्मचारियों को उम्मीद थी कि मुख्यमंत्री पुरानी पेंशन योजना को लेकर कोई ऐलान कर सकते हैं लेकिन सीएम खट्टर ने कहा कि राज्य में नई पेंशन योजना ही लागू रहेगी। इसको लेकर सत्तापक्ष और विपक्ष में तकरार भी हुई थी।
चंडीगढ़ : हरियाणा (Haryana) में साल 2024 में विधानसभा चुनाव होने हैं। उससे पहले ही कांग्रेस ने दांव खेलने शुरू कर दिए हैं। पंजाब (Punjab) समेत पांच राज्यों में करारी शिकस्त के बाद कांग्रेस (Congress) हरियाणा में कोई रिस्क नहीं लेना चाहती। यही कारण है कि एक तरफ पार्टी नेताओं की बैठकें चल रही हैं तो दूसरी तरफ पार्टी हाईकमान संगठन को मजबूत करने में जुटा है। इसके साथ ही हर वर्ग पर डोरे भी डाले जा रहे हैं ताकि विधानसभा चुनाव से पहले उन्हें अपने पाले में किया जा सके। यही कारण है कि यूपी चुनाव में सबसे बड़े मुद्दों में से एक रहे पुरानी पेंशन योजना (old pension scheme) के बहाने कांग्रेस ने सरकारी कर्मचारियों पर साधना शुरू कर दिया है।
सरकार बनी तो OPS लागू
कांग्रेस वरिष्ठ नेता और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा (Bhupendra Singh Hudda) ने ऐलान किया है कि 2024 में होने वाले विधानसभा चुनाव में अगर उनकी पार्टी सत्ता में आती है तो प्रदेश के सरकारी कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना बहाल की जाएगी। उन्होंने सरकारी नौकरियों में खिलाड़ियों के लिए कोटा बहाल करने का भी आश्वासन दिया है। बता दें कि राज्य सरकार ने अभी हाल ही में सरकारी नौकरियों में खिलाड़ियों के लिए तीन प्रतिशत आरक्षण को खत्म किया है, वहीं बजट चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर (Manohar Lal Khattar) ने पुरानी पेंशन योजना लागू करने से भी इनकार कर दिया था। उन्होंने कहा था कि हरियाणा सरकार पुरानी पेंशन योजना बहाल नहीं करेगी। नई पेंशन योजना ही लागू रहेगी। इसी का फायदा कांग्रेस आने वाले चुनाव में उठाना चाहती है।
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राजस्थान-छत्तीसगढ़ में कांग्रेस ने चला दांव
बता दें कि चुनाव से पहले राजस्थान और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार ने पुरानी पेंशन योजना लागू कर अपना दांव खेल दिया है। बजट सत्र के दौरान अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) और भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) की कांग्रेस सरकार ने सरकारी कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन व्यवस्था लागू करने की दिशा में कदम उठाए हैं। जिसके बाद देश के अन्य राज्यों में भी इसकी बहाली की मांग उठने लगी है।
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पुरानी पेंशन योजना
- ओल्ड पेंशन स्कीम में पेंशन के लिए वेतन से कोई कटौती नहीं होती है
- जीपीएफ जनरल प्रोविडेंट फंड (GPF) की सुविधा है।
- यह एक सुरक्षित पेंशन योजना है। इसका भुगतान सरकार की ट्रेजरी के जरिए किया जाता है।
- रिटायरमेंट के समय अंतिम बेसिक सैलरी के 50 फीसदी तक निश्चित पेंशन मिलती है।
- रिटायरमेंट के बाद 20 लाख रुपये तक ग्रेच्युटी मिलती है।
- 6 माह बाद मिलने वाला महंगाई भत्ता (DA) लागू होता है।
- सेवानिवृत्ति पर GPF के ब्याज पर किसी प्रकार का इनकम टैक्स नहीं लगता है।
- नौकरी के दौरान मौत होने पर फैमिली पेंशन का प्रावधान है।
- रिटायरमेंट के समय पेंशन प्राप्त करने GPF से कोई निवेश नहीं करना पड़ता है।
नई पेंशन योजना (NPS)
- न्यू पेंशन स्कीम में कर्मचारी के वेतन से 10% (बेसिक+DA) की कटौती की जाती है।
- जनरल प्रोविडेंट फंड (GPF) की सुविधा को नहीं जोड़ा गया है।
- शेयर बाजार आधारित है। बाजार की चाल के आधार पर ही भुगतान होता है।
- रिटायरमेंट के समय निश्चित पेंशन की कोई गारंटी नहीं है।
- रिटायरमेंट के समय ग्रेच्युटी का अस्थाई प्रावधान है।
- 6 माह बाद मिलने वाला महंगाई भत्ता लागू नहीं होता।
- सेवानिवृत्ति पर शेयर बाजार के आधार पर जो पैसा मिलेगा उस पर टैक्स देना पड़ेगा।
- सर्विस के दौरान मृत्यु पर फैमिली पेंशन मिलती है, लेकिन योजना में जमा पैसे सरकार की हो जाती है।
- सेवानिवृत्ति पर पेंशन पाने न्यू पेंशन स्कीम फंड से 40 फीसदी रकम निवेश करना होता है।
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