सार

CBI कोर्ट ने 2002 में हुई मैनेजर की हत्या के मामले में राम रहीम दोषी करार दिया गया है। राम रहीम 2 मामले में सजा काट रहा है। वह और रोहतक की सुनारिया जेल में बंद है।

सिरसा : पंचकुला की CBI कोर्ट ने डेरा सच्चा सौदा प्रमुख राम रहीम को हत्या के मामले में दोषी करार दिया। राम रहीम समेत 5 आरोपियों को 12 अक्टूबर को सजा सुनाई जाएगी। मामला रंजीत सिंह की 2002 में हत्या से जुड़ा है। मामले में सिरसा डेरा प्रमुख राम रहीम को आरोप बनाया गया. कोर्ट में लगातार कई बार सुनवाई टली। आखिरकार शुक्रवार को राम रहीम को दोषी करार दिया गया। जानकारी के अनुसार, मामले में राम रहीम, कृष्ण लाल, सबदिल, अवतार, जसबीर को दोषी करार दिया गया है, जबकि एक अन्य आरोपी इंदरसैन की मौत हो चुकी है।

वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए हुई पेशी
शुक्रवार को मामले में आरोपी डेरामुखी गुरमीत राम रहीम और कृष्ण कुमार वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए पेश हुए। जबकि आरोपी अवतार, जसवीर और सबदिल प्रत्यक्ष रूप से कोर्ट में पेश रहे। अदालत ने इस मामले में पहले 26 अगस्त को फैसला सुनाना था। 19 साल पुराने इस मामले में बीते 12 अगस्त को अंतिम हुई थी। CBI जज डॉ. सुशील कुमार गर्ग की अदालत में करीब ढाई घंटे बहस के बाद आरोपियों को दोषी करार दिया गया।

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क्या है पूरा मामला
रंजीत सिंह डेरे का मैनजर था। 2002 में उसकी हत्या कर दी गई थी। मामले में सिरसा डेरा प्रमुख राम रहीम को आरोप बनाया गया। कोर्ट में लगातार कई बार सुनवाई टली।  सीबीआई ने आरोपियों के खिलाफ 2003 में केस दर्ज किया था और 2007 में कोर्ट ने चार्ज फ्रेम किए थे। बता दें कि गुरमीत राम रहीम को साध्वियों से यौन शोषण के मामले में पहले ही 20 साल की सजा हो चुकी है और पत्रकार रामचंद्र छत्रपति हत्याकांड में वह उम्रकैद की सजा काट रहा है।

जेल में परेशान रहता है राम रहीम
डेरा सच्चा सौदा, सिरसा प्रमुख गुरमीत सिंह इस वक्त सुनारिया जेल में उम्रकैद की सजा काट रहा है। गुरमीत सिंह को साध्वी यौन उत्पीड़न मामले में CBIकी विशेष अदालत ने 27 अगस्त 2017 को 20-20 साल की सजा सुनाई थी। इसके बाद हत्याकांड में उसे उम्रकैद की सजा हो चुकी है। हालांकि अदालत ने उसे दोषी करार देते हुए 25 अगस्त को उसे सुनारिया जेल में भेज दिया था। इसी दिन से जेल में सजा काट रहा है।  वह अपनी सफेद दाढ़ी से काफी परेशान है। वह अपनी दाढ़ी को कलर करना चाहता है, लेकिन जेल प्रशासन से अभी तक मंजूरी नहीं मिली है। इसके अलावा गुरमीत राम रहीम का वजन भी पहले से कम हो गया है। वो बीच-बीच में अपने अनुनायियों के नाम पत्र भी लिखता रहता है। वह अपनी हर चिट्ठी में यही लिखता है कि वाहेगुरु ने चाहा तो जल्‍द ही आपके बीच होंगे। 

हर बार खारिज हुई अर्जी
मेडिकल जांच और इमरजेंसी पेरोल पर गुरमीत राम रहीम तीन से चार बार जेल से बाहर भी निकल चुका है। लेकिन अभी तक उसे पेरोल नहीं मिल सकी है। गुरमीत सिंह कभी खेती करने तो कभी बीमार मां का हवाला देकर पैरोल की अर्जी लगा चुका है, लेकिन उसकी अर्जी हमेशा ही खारिज हो जाती है। वह जब भी जेल से बाहर आता है तो कड़ी पहरेदारी रहती है।

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