सार

Amla Navami 2021: आंवला कई स्वास्थ्य लाभकारी गुणों से भरा हुआ है जो सर्दियों के दौरान इम्यूनिटी को बढ़ावा देने में मदद करता है।

हेल्थ डेस्क : कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष के नवमी तिथि को आंवला नवमी (Amla Navami 2021:) मनाई जाती हैं। इस साल आंवला नवमी 12 नवंबर शुक्रवार को मनाई जाने वाली है। इस दिन आंवला के पेड़ की पूजा करने से इंसान को पापों से मुक्ति मिलती है। साथ ही दान करने से पुण्य का फल इस जन्म के साथ अगले जन्म में भी मिलता है। शास्त्रों के अनुसार, आंवला नवमी के दिन का खास महत्व होता है। आंवला एक सुपरफूड है जो पोषक तत्वों से भरपूर है। इसका इस्तेमाल औषधि के रूप में भी किया जाता है। आइए आज हम आपको बताते हैं, आंवला खाने के फायदों (health benefits of Amla) के बारे में...

बूस्ट इम्यूनिटी
आंवला विटामिन सी और एंटीऑक्सिडेंट से भरपूर होता है और आपको अंदर से डिटॉक्स करने में मदद करता है। यह सर्दी से लड़ने और इम्यूनिटी को बढ़ावा देने में बहुत फायदेमंद है।

स्किन
आंवला में मौजूद एंटीऑक्सिडेंट खून को साफ करते हैं और पिंपल फ्री और ग्लोइंग स्किन पाने में करने में मदद करते हैं। आंवला को एंटी-एजिंग गुणों के लिए भी जाना जाता है। यह विंटर डाइट में शामिल करने के लिए एक आदर्श फल माना जाता है।

वेट लॉस
सर्दियों में अच्छा-अच्छा खाना खाकर अक्सर लोगों को वजन बढ़ जाता है। ऐसे में आंवला आपके वजन को बढ़ने से रोकता है। यह शरीर को डिटॉक्स करने और वजन घटाने में फायदेमंद होता है। सुबह उठकर आंवला का जूस पीने से आप हमेशा फिट बने रहते हैं।

पाचन 
सर्दियों के दौरान लोगों को एक और समस्या का सामना करना पड़ता है, वह है अपच और भारीपन। ऐसे में आंवला हमारे पाचन तंत्र को मजबूत बनाने का काम करता है। यह पाचन और आंत के स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है।

डायबिटीज
आंवला क्रोमियम का एक समृद्ध स्रोत है, जो हमारे शरीर को इंसुलिन के प्रति रिएक्ट करने में मदद करता है। यही कारण है कि आंवला शुगर के रोगियों के लिए एक रामबाण है। डायबिटीज के मरीजों को इसका सेवन पाउडर फार्म में या कच्चा ही करना चाहिए। इसका मुरब्बा नहीं खाना चाहिए।

नवमी के बाद खाएं खूब आंवले
12 नवंबर को आंवला नवमी के बाद बाजारों में ढेर सारे आंवले मिलते हैं। कहा जाता है, कि आंवला नवमी के बाद इसका सेवन करना चाहिए। हालांकि, आप सालभर सूखे आंवले या जूस का तो सेवन कर ही सकते है। आंवला नवमी के दिन आंवला के पेड़ की पूजा की जाती है। हल्दी, कुमकुम आदि से पूजा करने के बाद जल और कच्चा दूध पेड़ पर अर्पित करके इसकी परिक्रमा की जाती है और इसके तने में कच्चा सूत या मौली आठ बार लपेटते हैं। पूजा के बाद आंवला नवमी की व्रत कथा पढ़ी जाती है।

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