सार

ये हैं हेल्‍थ गुरू ब्‍लेक होरटन (Blake Horton) जो खा-पीकर फिटनेस बनाने के लिए फेमस हैं। ब्‍लेक के मशहूर होने का कारण दिन में 5000 कैलोरी की रिच डाइट के बावजूद उनका 6 पैक बॉडी मेंटेन करना है।

हेल्द डेस्क. बिजी लाइफस्टाइल के चलते आजकल बहुत से लोग मोटापे के शिकार हैं। वर्कप्‍लेस से लेकर कॉलेज में भी लोग मोटापे से परेशान हैं। मोटापे की असली वजह हमारी बिगड़ी हुई लाइफस्‍टाइल और खाने की गलत आदतें हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक, बिगड़ी लाइफस्टाइल के कारण ही हमारे देश की 5% से ज्यादा आबादी मोटापे का सामना कर रही है। वजन घटाने के लिए आपको हर दूसरा इंसान डाइट की सलाह देता दिखेगा।

पर क्या आपने अंधाधुंध खाने वाले को फिट होते सुना है? नहीं तो जान लीजिए एक ऐसा फिटनेस गुरू जो 5000 कैलीज खाकर भी सुपर फिट है।  ये हैं हेल्‍थ गुरू ब्‍लेक होरटन (Blake Horton) जो खा-पीकर फिटनेस बनाने के लिए फेमस हैं। ब्‍लेक के मशहूर होने का कारण दिन में 5000 कैलोरी की रिच डाइट के बावजूद उनका 6 पैक बॉडी मेंटेन करना है।

 

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दुनिया भर में ब्‍लेक के हजारों-लाखों फॉलोअर्स हैं। कई फॉलोअर्स ने भी उनके आइडिया को फॉलो करके 48 किलो तक वजन घटाने का दावा किया है। ब्‍लेक रोज अपने इंस्‍टाग्राम अकाउंट पर अपने खाने का वीडियो पोस्‍ट करते हैं। 

Menxp की एक रिपोर्ट के मुताबिक, एक शो ब्‍लेक ने दावा किया कि रोज़ 5000 कैलोरी की हैवी डाइट लेने के बावजूद ब्‍लेक की बॉडी में कार्बोहाइड्रेट से लेकर हर पोषक तत्‍व बिल्‍कुल सही मात्रा में मौजूद है। ब्‍लेक खाने की नई स्‍टाइल इंटरमिटेन्‍ट फास्टिंग (Intermittent fasting) को फॉलो करते हैं। इस कारण वो फिटनेस को लेकर लोगों के बीच लोकप्रिय हो गए हैं।

 

 

क्‍या है इंटरमिटेंट फास्टिंग?

इंटरमिटेंट फास्टिंग ((Intermittent Fasting) का मतलब भूखे रहना नहीं है। इस फास्टिंग में फूड आपके पास होगा लेकिन आप उसे खाएंगे नहीं। इंटरमिटेंट फास्टिंग का कॉन्‍सेप्‍ट ये है कि आप सिर्फ सुबह का नाश्‍ता और रात का खाना खाएंगे। लंच में आप सिर्फ गर्म पानी पिएंगे।

ब्रेकफास्‍ट और डिनर के बीच में आमतौर पर 8 घंटे का अंतर होता है। जबकि डिनर के बाद अगली सुबह का ब्रेकफास्‍ट 12-14 घंटे के बाद होगा। लेकिन शर्त ये भी है कि आप बेहद ऑयली भोजन नहीं करेंगे। आपको अपने दो बार के खाने में ही दिन भर की जरूरत का प्रोटीन लेना है। इंटरमिटेंट फास्टिंग का बड़ा फायदा यही है कि खाना खाते वक्‍त, आप अपने पसंद की लगभग हर वो चीज खा सकेंगे जो आमतौर पर डाइटिंग में आप नहीं खाते हैं। 

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इंटरमिटेंट फास्टिंग को समझे

फास्टिंग आपकी बॉडी के अतिरिक्त फैट को बर्न करती है। अगर आप एक्‍स्‍ट्रा खाना नहीं खाएंगे तो आपका शरीर पहले से जमा अतिरिक्त फैट को एनर्जी के लिए इस्तेमाल करेगा। फास्टिंग से शरीर में इंसुलिन का स्‍तर कम होने लगता है। इससे दिमाग अलर्ट मोड पर आ जाता है और वह जमा बॉडी फैट का इस्तेमाल ऊर्जा के लिए करना शुरू कर देता है। 

इंटरमिटेंट फास्टिंग से लोगों को कुछ फायदे होते देखे गए हैं।

  • इंटरमिटेंट फास्टिंग आपको दिन के ज्‍यादातर वक्‍त एक्टिव रखने में मदद करती है।
  • इंटरमिटेंट फास्टिंग में आप दिन में दो या फिर सिर्फ एक बार ही खाना खाते हैं। इसलिए आप खाना खाते वक्‍त आप कई बेहतर विकल्‍प तलाश सकते हैं।
  • इंटरमिटेंट फास्टिंग में आपको दिन में सिर्फ दो बार ही खाना होता है। इसलिए आप पूरे दिन फ्री होते हैं। इस समय का उपयोग आप अपने काम पर फोकस करने में कर सकते हैं।
  • लेकिन इंटरमिटेंट फास्टिंग में ऐसा देखा गया है कि पहले 15 दिन में ही आपकी मीठा खाने की इच्‍छा खुद से ही खत्‍म होने लगती है। इसीलिए सेल्‍फ कंट्रोल हमेशा ही बेहतर रिजल्‍ट देता है।
  • इंटरमिटेंट फास्टिंग में आपके खाने को पचने के लिए काफी वक्‍त मिलता है। इसलिए शरीर खाने को अच्‍छे ढंग से पचा पाता है। इसके अलावा गर्म पानी के सेवन के कारण लीवर की सफाई भी होती है।
  • आयुर्वेद के मुताबिक, उपवास से शरीर खुद ब खुद डाइजेशन सिस्‍टम को हील करने लगता है। बरसों पुरानी कब्‍ज़ (Constipation) की शिकायत भी इससे ठीक होती देखी गई है।

 

 

इंटरमिटेंट फास्टिंग के नुकसान

इंटरमिटेंट फास्टिंग के ढेरों फायदे हैं तो कुछ नुकसान भी हैं। इनमें से कुछ नुकसान हमें सिर्फ अपने लाइफस्‍टाइल और खाने की आदतों में बदलाव के कारण शुरूआत में होते हैं। धीरे-धीरे ही सही हमारा शरीर इनसे निपटना सीख लेता है।

किसे नहीं करनी चाहिए इंटरमिटेंट फास्टिंग

कभी भी बिना डॉक्‍टर की सलाह लिए कोई भी एक्‍सरसाइज या डाइट प्‍लान शुरू नहीं करना चाहिए। इंटरमिटेंट फास्टिंग भी बिना डॉक्‍टर की सलाह लिए न करें। किसी बीमारी का इलाज करवा रहे लोग, खासतौर पर डाइबिटीज और किडनी के मरीज इंटरमिटेंट फास्टिंग से दूर रहें।

इसके अलावा ऐसे लोग जो पहले से अंडरवेट हैं या फिर इटिंग डिसऑर्डर जैसे एनोरेक्सिया (anorexia) के शिकार लोग, गर्भवती या स्‍तनपान करवाने वाली महिलाओं और 18 साल से कम उम्र के लोगों को भी इसे नहीं करना चाहिए।