सार
एक रिसर्च से यह सामने आया है कि कोरोना वायरस के मरीजों के ठीक हो जाने के बाद दोबारा भी उनमें इसके लक्षण उभर सकते हैं। इसलिए इसके लक्षण खत्म हो जाने के बावजूद सावधानी बरतना जरूरी है।
हेल्थ डेस्क। कोरोना वायरस पूरी दुनिया के लिए सबसे बड़ा खतरा बन गया है। दुनिया भर के 14 लाख से ज्यादा लोग इससे संक्रमित हो चुके हैं, वहीं करीब 75 हजार लोगों की मौत हो चुकी है। भारत में कोरोना संक्रमण तक कुल 5274 मामले सामने आ चुके हैं और इससे मरने वालों की संख्या 149 हो चुकी है। पिछले 24 घंटे में कोरोना के 773 नए मामले सामने आए हैं। कोरोना की रोकथाम के लिए अभी तक कोई टीका सामने नहीं आया है और इसका इलाज लक्षणों के आधार पर ही किया जा रहा है। वहीं, हाल ही में एक रिसर्च से पता चला है कि ठीक हो जाने के बावजूद कोरोना का संक्रमण दोबारा भी हो सकता है।
कहां हुई यह रिसर्च स्टडी
यह रिसर्च स्टडी चीन के पीएलए जनरल अस्पताल और अमेरिका की येल यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन ने मिल कर की है। शोधकर्ताओं ने बताया कि इस स्टडी के दौरान कोरोना से संक्रमित उन 16 मरीजों पर नजर रखी जा रही थी, जो ठीक हो गए थे। ये सभी मरीज 28 जनवरी से 9 फरवरी तक अस्पताल में भर्ती रहे थे। शोधकर्ताओं ने बताया कि इन 16 मरीजों में से 8 में ठीक हो जाने के बाद भी कोराना वायरस मौजूद था। एक बार ठीक हो जाने के बाद दोबारा इसके लक्षण सामने आने में 3 से 5 दिन लगते हैं, लेकिन एक मरीज में आठवें दिन लक्षण सामने आए।
दोबारा संक्रमण होता है ज्यादा खतरनाक
येल स्कूल ऑफ मेडिसिन के शोधकर्ताओं का कहना है कि कोरोना का दोबारा संक्रमण ज्यादा खतरनाक होता है, क्योंकि यह मरीज की इम्युनिटी को पूरी तरह से खत्म कर देता है। इसलिए ठीक हो जाने के बाद भी मरीजों को आइसोलेशन में रखने की जरूरत है। जिन मरीजों में बुखार और दूसरे लक्षण बिना किसी दवा के खत्म हो जाते हैं, उन्हें भी कम से कम 3 दिन तक आइसोलेशन में रहना चाहिए।
बढ़ाएं आइसोलेशन का समय
शोधकर्ताओं का कहना है कि कोरोना के जो मरीज ठीक हो जाते हैं, उन्हें ज्यादा समय तक आइसोलेशन में रहना चाहिए और इस दौरान उनका जरूरी चेकअप भी किया जाना चाहिए। शोधकर्ताओं न बताया कि आम तौर पर आइसोलेशन में 14 दिनों के लिए रखा जाता है, लेकिन सावधानी बरतने के लिए इस समय को बढ़ाने की जरूरत है, ताकि अगर उनमें कोरोना के वायरस रह गए हों, तो वे दूसरे लोगों में नहीं फैलें। वहीं, चीन के रिसर्चर डॉक्टर लीजिन शी ने कहा कि लोगों को खुद लंबे समय तक आइसोलेट करना चाहिए और कम से कम दो हफ्ते तक क्वारंटाइन में रहना चाहिए।