सार

Covid 19: यूनाइटेड किंगडम, चीन और रूस में COVID-19, AY.4.2 के डेल्टा वैरिएंट के एक उप-वंश का पता चला है और अब इसने भारत में अपना रास्ता बना लिया है।

हेल्थ डेस्क : पिछले लगभग 2 सालों से कोरोनावायरस (Corona Virus) महामारी पूरी दुनिया में आतंक मचाई हुई है। इस साल मार्च-अप्रैल में आई इसकी दूसरी वेव ने तो तबाही मचा दी और करोड़ों लोगों को इसमें अपनी जान गवाना पड़ा। इसके बाद वैक्सीनेशन आने के बाद लगा कि शायद अब इस पर कंट्रोल कर लिया गया है और तीसरी वेब का खतरा नहीं है। लेकिन हाल ही में यूके, चीन और रूस में कोविड-19 के नए डेल्टा वेरिएंट (COVID-19, AY.4.2) के कुछ उप वंश पाए गए हैं और डॉक्टर्स का कहना है कि भारत में भी इसका असर जल्द ही देखा जाएगा।

एक तरफ भारत देश कोरोना महामारी से उबरने की लगातार कोशिश कर रहा है। चीजें धीरे-धीरे ट्रैक पर आ रही है, बच्चों के स्कूल भी खुलने शुरू हो गए हैं। पूरे देश में दिवाली, धनतेरस और छठ पूजा की धूम देखी जा रही है। लेकिन ऐसे में अनुमान लगाया जा रहा है कि कोरोना की थर्डवेव यहां दस्तक दे सकती है। डॉक्टर्स का कहना है कि त्योहारों को देखते हुए कोरोनावायरस से सतर्क रहने की बहुत ज्यादा जरूरत है, क्योंकि कोरोना का खतरा भी पूरी तरह से टला नहीं है। ऐसे में अभी भी आपको प्रॉपर मास्क पहनने और हाथों को स्वच्छ रखने की जरुरत है।

हालांकि, इसकी इंटेंसिटी क्या होगी इस बारे में फिलहाल कोई जानकारी नहीं है, लेकिन कहा जा रहा है कि वैक्सीनेशन होने के चलते इसका असर कम जरूर हो सकता है। बता दें कि देश में 100 करोड़ लोगों का वैक्सीनेशन हो चुका है। हालांकि, बच्चों को लेकर चिंता अभी भी सताई जा रही है, क्योंकि बच्चों के लिए अभी तक कोई वैक्सीनेशन नहीं आई है और बच्चों के स्कूल भी खुल गए हैं। ऐसे में पेरेंट्स बच्चों को स्कूल भेजने से भी कतरा रहे हैं। डॉक्टर्स का कहना है कि, बच्चों में कोरोनावायरस बहुत कम होता है। अगर बच्चे संक्रमित होते भी हैं तो वह जल्द ही नेगेटिव भी हो जाते हैं। बच्चों में लॉन्ग टाइम इसका इफेक्ट नहीं होता है।

बता दें कि आंध्र प्रदेश सहित कई राज्यों ने नए वैरिएंट के 7 मामले, केरल में 4, कर्नाटक और तेलंगाना में 2-2 मामले, जम्मू और कश्मीर और महाराष्ट्र में क्रमशः 1-1 मामले दर्ज किए हैं, जिससे कुल संख्या 17 हो गई है।

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