सार
डेंगू मरीजों को सिर में तेज दर्द हो सकता है, मसल, जोड़ों में दर्द से भी लोग परेशान हो सकते हैं। तेज बुखार, शरीर में ठंड लगने जैसी कंपकंपाहट, ज्यादा पसीना आना, कमजोरी, थकान, भूख में कमी, मसूड़ों से खून आना और उल्टी भी डेंगू का संकेत हो सकता है।
हेल्थ डेस्क । सितंबर महीने की शुरुआत होते ही डेंगू का प्रकोप देखा जा रहा है। शहरी क्षेत्रों में बड़ी संख्या में डेंगू पीड़ित मरीज मिल रहे हैं। हालात ये है कि कई शहरों में अस्पतालों में डेंगू मरीजों के लिए अब जगह ही नहीं बची है। कई इलाकों में तो हर घर में डेंगू मरीज मौजूद हैं।
क्या है डेंगू बुखार
डेंगू बुखार एक संक्रमण है जो वायरस के कारण होता है। डेंगू का इलाज समय पर करना बहुत जरुरी होता हैं। मच्छर डेंगू वायरस को फैलाते हैं। डेंगू बुखार को "हड्डीतोड़ बुख़ार" के नाम से भी जाना जाता है, क्योंकि इससे पीड़ित लोगों को इतना तेज दर्द हो सकता है कि जैसे उनकी हड्डियां टूट गयी हों। डेंगू बुखार के कुछ लक्षणों में बुखार, सिरदर्द, त्वचा पर चेचक जैसे लाल चकत्ते तथा मांसपेशियों और जोड़ों का दर्द शामिल हैं।
मच्छरों से खुद को बचाएं
डेंगू बुखार से बचने के लिए मच्छरों से खुद को बचाना चाहिए, मच्छरों को पनपने ही नहीं देना चाहिए हैं। यदि किसी को डेंगू बुखार हो जाए तो उसे तत्काल डॉक्टर की परामर्श लेना चाहिए। भूलकर भी अनुमान से इलाज ना करें, ना ही घरेलू इलाज के भरोसे रहें।
डेंगू मच्छर जनित वायरल बीमारी है। एडिज नामक मच्छर के काटने से डेंगू होता है। ये मच्छर साफ पानी में ज्यादा पनपते हैं और अधिकांश लोगों को सुबह के समय काटते हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञों की मानें तो एडिज मच्छर के काटने के करीब 3 से 5 दिन बीतने के बाद इसके लक्षण दिखाई देते हैं।
डेंगू के लक्षण
एक्सपर्टस के मुताबक डेंगू होने पर मरीजों को सिर में तेज दर्द हो सकता है, मसल पेन और जोड़ों में दर्द से भी लोग परेशान हो सकते हैं। इसके अलावा, तेज बुखार, शरीर में ठंड लगने जैसी कंपकंपाहट, ज्यादा पसीना आना, कमजोरी, थकान, भूख में कमी, मसूड़ों से खून आना और उल्टी भी डेंगू का संकेत हो सकता है। वहीं कुछ लोगों में आंखों के पास दर्द, ग्रंथियों में सूजन, लाल रैशेज भी दिखाई देते हैं। डेंगू की वजह से खून में प्लेटलेट्स की कमी हो जाती है। ऐसे में सांस लेने में कमी, घबराहट, उल्टियां, यूरिन में ब्लीडिंग और पेट दर्द भी हो सकता है।
डेंगू से ऐसे कैसे करें बचाव
डेंगू के खतरे को कम करने के पानी जमा ना होने दें, कूलर और बाल्टियों में पानी भरकर न रखें। गंदगी ना होने दें। खाली बर्तन में पानी ना रखें। पूरे शरीर को ढ़कने वाले कपड़े पहनें। रात में सोते समय मच्छरदानी जरुर लगाएं। डेंगू के लक्षण शरीर में दर्द, तेज बुखार, चक्कर, उल्टी, कमजोरी आदि हैं। यदि किसी को ये लक्षण दिखते हैं तो डॉक्टर से संपर्क करें। खुद ही उपचार न करें। शरीर को ढ़ककर रखें, डेंगू पीड़ित व्यक्ति को मच्छर काटने के बाद वही मच्छर किसी और को काटे तो डेंगू होने की संभावना हो सकती है। इसलिए डेंगू पीड़ित भी पूरे कपड़े पहनकर इसे स्प्रेड होने से रोकें।