सार
महिलाओं में हार्ट अटैक के लक्षण पुरुषों से अलग होते हैं। जिसकी वजह से कई बार ना तो महिलाएं ये समझ पाती है और ना ही डॉक्टर को समझ आता है। जिसकी वजह से इलाज में देरी होती है।
हेल्थ डेस्क: दांत में लगातार दर्द हो तो हो जाइए सावधान। हो सकता है आपका दिल आपको सबसे बड़े खतरे का सिग्नल दे रहा हो। जी हां, आमतौर पर हार्ट अटैक आने से पहले मरीज को सीने में दर्द की शिकायत होती है या बहुत तेज पसीना आता है,या चक्कर आते हैं। ऐसे हालात में मरीज सतर्क हो जाता है कि कहीं उसे हार्ट अटैक तो नहीं आया है। लेकिन हाल में आए रिपोर्ट में ऐसे डराने वाले खुलासे हुए हैं जिससे हार्ट अटैक की कुछ बेहद हैरान करने वाले लक्षणों के बारे में बताया गया है। इसमें सबसे चौंकाने वाला लक्षण है दांत या जबड़े में दर्द की शिकायत। सांस लेने में परेशानी, बीमार लगना, थकान, जबड़े, दांत में दर्द और पीठ में दर्द होता है तो सावधान हो जाइए। ये हो सकता है हार्ट अटैक का संकेत दे रहा हो।
अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन की रिपोर्ट बताती है कि जिन महिलाओं को छाती में दर्द नहीं होता है, उनमें दिल का दौरा घातक होता है। क्योंकि ना तो मरीज को पता चलता है कि उसे हार्ट अटैक आया है और डॉक्टर को भी पहचाने में देरी होती है। कई बार तो डॉक्टर कह देता है कि यह उनका दिमागी फितूर है। येल -न्यू हेवन हॉस्पिटल के कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. एलेग्जेंड्रा लैंस्की ने एक घटना का जिक्र करते हुए बताया कि एक महिला जबड़े में दर्द की शिकायत लेकर कई डॉक्टर के पास गई। सभी ने उस महिला को दांत के डॉक्टर के पास भेज दिया। डेंटिस्ट ने उसके दो दांत निकाल दिए। फिर भी दर्द ठीक नहीं हुआ। जिसके बाद वो मेरे पास आई। जांच में पता चला कि दर्द का तार दिल से जुड़ा है। इसके बाद उसकी बाईपास सर्जरी की गई। इसके बाद जबड़े का दर्द दूर हुआ।
हार्ट अटैक को लेकर महिलाओं के लिए जागरुकता अभियान चलाया जा रहा है
अमेरिका में महिलाओं को दिल की बीमारी के प्रति जागरूक करने के लिए कैंपेन चलाया जा रहा है। जर्नल थेरेप्यूटिक्स एंड क्लिनिकल रिस्क मैनेजमेंट में प्रकाशित शोध बताता है कि 36 प्रतिशत पुरुषों
की तुलना में 62 प्रतिशत महिलाओं को सीने में दर्द नहीं हुआ। कई महिलाओं ने सांस की तकलीफ के साथ गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल लक्षण जैसे मतली आना और अपच होना बताए। अक्सर लोग सीने में दर्द के बजाय सीने में दबाव या जकड़न महसूस करते हैं।
युवा महिलाओं में हार्ट अटैक बढ़ें
कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. जैकलीन टैमिस-हॉलैंड की मानें तो पुरुषों के मुकाबले औरतें खुद को दिल की बीमारी के लिए संवेदनशील नहीं मानती हैं। 35 से 54 साल की महिलाओं में हाई ब्लड प्रेशर और मोटापे के कारण दिल के दौरे का खतरा बढ़ा है।
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