सार
कबूतरों का दाना खिलाना कुछ लोग धर्म और कर्म से जोड़कर देखते हैं, तो कुछ मानवता से। इसके लिए वे उन्हें नियमित दाना डालते हैं। मगर यह बात कम लोग ही जानते हैं कि कबूतरों का हमारे आसपास रहना हमारे स्वास्थ्य के लिए खतरे की घंटी है।
नई दिल्ली। कबूतर शांति के प्रतीक माने जाते हैं। कई लोग कबूतरों को नियमित दाना डालते हैं। उनका मानना है कि ये पूर्वजों के स्वरूप में आते हैं। कबूतरों को दाना देना धर्म से जुड़ा मानकर रोज ऐसा करते हैं। कुछ लोग तो घर पर ही ऐसी जगह बना लेते हैं, जहां कबूतर या दूसरे पक्षी आकर दाना चुग सकें। मगर कबूतरों का आपके आसपास आना या रहना बेहद खतरनाक माना जा रहा है। कबूतर का खतरा उसके खुद के हमारे आसपास रहने और उसकी बीट से जुड़ा है। यह हम आपको आगे बता रहे हैं।
कबूतरों को लोग अनाज जैसे- बाजरा, गेहूं, मक्का आदि खिलाते हैं। कहा जा रहा है कि ये लोग ऐसा करके अनजाने में ही सही मगर एक खतरा मोल लेते हैं। यह बात सोशल मीडिया पर इन दिनों वायरल हो रही है। Give me Trees ट्रस्ट के संस्थापक पीपल बाबा के हवाले से कही गई इस बात के मुताबिक, दूसरे पक्षियों की तरह कबूतर भी छोटे कीड़े-मकोड़े खाकर जिंदा रहता है। मगर कुछ लोग श्रद्धावश खूब अनाज खिलाते हैं।
दाना नहीं भी खिलाएं तो ये जिंदा रहेंगे
इससे हमारे आसपास कबूतरों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। इनका बढ़ना न सिर्फ हमारे लिए बल्कि दूसरे पक्षियों के लिए खतरनाक है। कुछ लोग इसे भूख से जोड़कर कबूतरों को दाना खिलाते हैं, मगर सच तो यह है कि यदि उन्हें दाना न भी दें, तब भी वे जिंदा रह सकते हैं। इससे उनकी बेइंतहा बढ़ रही संख्या पर लगाम कसी रहेगी। अब तो ये घर में घोंसला भी बना रहे हैं और मनुष्यों के साथ ही दिन रात रह रहे हैं।
कबूतर के बीट में होते हैं खतरनाक परजीवी
दरअसल, कबूतर को रोज पेटभर खाना खिलाया जाए तो वह एक साल में लगभग 12 किलो तक बीट करता है। दावा किया जा रहा है कि इस बीट में खतरनाक परजीवी पैदा होते हैं, जो संक्रमण पैदा करते हैं। खासकर यह सांस और फेफड़े से जुड़ी बीमारियां, जिसमें अस्थमा प्रमुख है, पैदा करते हैं। शुरुआत में इसका पता नहीं चलता, मगर धीरे-धीरे इसके खतरे दिखने लगते हैं। अगर इन्होंने आपके घर में घोंसला बना लिया है तो फिर तो खतरा बढ़ जाता है।
बच सकते हैं खतरनाक बीमारियों से
कबूतर का बीट इतना खतरनाक होता है कि इसका अंदाजा आप नहीं लगा सकते। यह बीट सूख जाने के बाद पाउडर का बन जाता है। सांस लेते समय यह शरीर में फेफड़े तक पहुंच जाता है। इसके अलावा ये बीट कई और तरह के संक्रमण वाली बीमारियां भी पैदा करती हैं। पक्षियों का भला करना ही है तो उन्हें पानी दें, मगर यह घर के आसपास नहीं रखें बल्कि, घर से दूर बगीचे या फिर खुली जगह में।
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