सार

आज ज्यादातर लोग पेट में गैस बनने की समस्या से परेशान रहते हैं। गलत खान-पान और आज की व्यस्त जीवनशैली इसकी बड़ी वजह है। गैस की समस्या बढ़ जाने पर बहुत परेशानी का सामना करना पड़ता है।
 

हेल्थ डेस्क। आज हर तीसरा आदमी गैस की समस्या से परेशान है। इसमें पेट में जलन होती है, भारीपन महसूस होता है और कभी-कभी उल्टी भी हो जाती है। ऐसा पेट में एसिडिटी बढ़ने से होता है। कई बार जब एसिड ज्यादा बन जाता है तो वह खाने की नली से बाहर की तरफ आने लगता है। ऐसी स्थिति में जलन और पेटदर्द की समस्या होती है। इसमें खट्टी डकार आने के साथ उल्टी भी होने लगती है। गैस या एसिडिटी की समस्या गलत खान-पान और व्यस्त जीवन शैली का परिणाम है। अगर तली-भुनी और बाजार की चीजें ज्यादा खाई जाएं तो यह समस्या होती है। कई बार समय पर भोजन नहीं करने और लंबे समय तक खाली पेट रह जाने से भी एसिटिडी की प्रॉब्लम बढ़ जाती है। अगर इस पर समय रहते ध्यान नहीं दिया गया तो इससे पेप्टिक अल्सर जैसी खतरनाक बीमारी भी हो सकती है। जानते हैं एसिडिटी से बचने के कुछ घरेलू उपाय।

1. सौंफ का शर्बत
एसिडिटी बढ़ने पर सौंफ का शर्बत पीना चाहिए। इससे पेट को ठंडक मिलती है। यह पेट में जलन की समस्या को खत्म करता है और दर्द से भी राहत दिलाता है। ऐसे भी भोजन करने के बाद सौंफ खाने का प्रचलन है। सौंफ खाने को पचाता है। अगर शर्बत नहीं पी सकते हैं तो सौंफ को चबा कर पानी पीने से भी गैस की समस्या में राहत मिलेगी। 

2. कैमोमिला
कैमोमिला एक हर्ब है। आयुर्वेदिक और होम्योपैथिक दवाओं के बनाने में इसका इस्तेमाल किया जाता है। लेकिन गैस और पेटदर्द होने पर इसकी सूखी पत्तियों को गर्म पानी में उबाल कर पीने से तत्काल फायदा होता है। एक कप पानी में कैमोमिला की थोड़ी पत्तियां उबालने के बाद उसे छान कर पीना चाहिए। दिन में दो से तीन बार इसे पीने से एसिटिडी की समस्या में काफी राहत मिलती है।

3. मुलेठी
मुलेठी भी एक हर्ब है। एसिटिडी की समस्या में यह बहुत ही फायदेमंद है। यह पेट संबंधी कई समस्याओं को खत्म करने के साथ गले के रोगों में भी फायदा पहुंचाता है। एसिटिडी होने पर इसके पाउडर को पानी में मिला कर पीना चाहिए। ऐसे भी खाना खाने के बाद मुलेठी का चूर्ण फांक लेना चाहिए या इसके डंठल को चूसना चाहिए।

4. मेथी
मेथी हर घर की रसोई मे मिल जाएगी। इसका इस्तेमाल सब्जी में छौंक लगाने के लिए होता है। यह भी एसिडिटी की समस्या को कम करती है। अगर गैस बढ़ जाए और उल्टी जैसा महसूस हो तो मेथी के कुछ दाने चबा कर पानी पी लेने से कुछ समय में राहत मिल जाती है। 

5. पपीता
पपीता एसिटिडी में रामबाण है। पपीता एक ऐसा फल है, जिसमें काफी मात्रा में पोषक तत्व होते हैं। यह कई तरह के विटामिन्स और मिनरल्स का खजाना है। अगर रोज पपीता खाएं तो पेट संबंधी बीमारियां होती ही नहीं हैं। एसिडिटी होने पर पपीता जरूर खाना चाहिए। पके पपीते के अलावा कच्चे पपीते की सब्जी बना कर भी खा सकते हैं।