सार

दुनिया भर में मंकीपॉक्स तेजी से फैल रहा है। भारत में भी मंकीपॉक्स के 4 मरीज सामने आ चुके हैं। मंकीपॉक्स और समलैंगिक का कनेक्शन सामने आने के बाद एक्सपर्ट का कहना है कि कड़ी निगरानी के जरिए इसे रोका जा सकता है।

हेल्थ डेस्क. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने मंकीपॉक्स (monkeypox) को ग्लोबल इमरजेंसी घोषित कर दिया है। WHO की रिजनल डायरेक्टर (साउथ-ईस्ट एशिया) डॉ पूमन खेत्रपाल इसे लेकर चौंकाने वाली जानकारी शेयर की है। उन्होंने बताया कि  मंकीपॉक्स (monkeypox )के मामले उन पुरूषों में केंद्रित है जो पुरुषों के साथ यौन संबंध रखते हैं।  उन देशों में मामले सामने आ रहे हैं जिन्होंने इसे पहले नहीं देखा है। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि पुरुषों के साथ यौन संबंध रखने वाले पुरुषों में केंद्रित मामलों के साथ, इस बीमारी के प्रसार को कम करना संभव है।

गुप्त टेस्टिंग की जरूरत 

डब्लूएचओ को मिले आंकड़ों के मुताबिक मंकीपॉक्स के संक्रमण के मामले गे (Gay)में ज्यादा मिले हैं। वायरस संक्रमण का खतरा समलैंगिक लोगों को ज्यादा है। ये भी आशंका जताई जा रही हैं कि आगे चलकर ये अन्य लोगों में फैल सकता है। इससे निपटने के लिए संवेदनशील तरीका अपनाना होगा। इसके साथ ही बिना किसी संकोच के भेदभाव कदम उठाने की जरुरत है। इसकी टेस्टिंग गुप्त तरीके से किया जाना चाहिए। क्योंकि इसमें उनकी सेक्शुअल पहचान जाहिर होने का डर होगा। ऐसे में वो टेस्ट कराने के लिए आगे नहीं आएंगे।

वायरस के बारे में अभी भी बहुत जानकारी नहीं

डॉ खेत्रपाल सिंह ने कहा, 'वायरस के बारे में अभी भी कई चीजें छुपी हुई हैं। हमें सतर्क रहने और इसके प्रसार को कम करने के लिए तीव प्रतिक्रिया देने के लिए तैयार रहने की जरूरत है।'

भारत में मंकीपॉक्स के चार मामले

एक्सपर्ट की मानें तो यह डीएनए वायरस होता है जो हवा में नहीं फैलता है। लेकिन मरीज के संपर्क में आने से, उसके साथ शारीरिक संबंध बनाने की वजह से दूसरे में जा सकता है। यहीं वजह है कि  98 प्रतिशत समलैंगिकों में पाया जा रहा है।बता दें कि भारत में मंकीपॉक्स के चार मामले आए हैं। जिसमें से तीन दूसरे देश का दौरा करके यहां लौटे हैं।  WHO ने बताया कि वैश्विक स्तर पर, 75 देशों से मंकीपॉक्स के 16,000 से अधिक मामले सामने आए हैं। 

मंकीपॉक्स जिस तेजी से फैल रहे हैं वैसे में उनके लक्षण के बारे में पता होना जरूरी है। आइए  बताते हैं इस खतरनाक बीमारी के लक्षण-
तेज बुखार
त्वचा पर चकत्ते, बड़े-बड़े दाने निकलना
सिरदर्द
मांसपेशियों में दर्द
गले में खराश और खांसी
आंख में दर्द या धुंधला दिखना
सांस लेने में तकलीफ
थकावट महसूस होना
बार-बार बेहोश होना, दौरा पड़ना
सीने में दर्द
पेशाब कम लगना

मंकीपॉक्स का इलाज
वैसे तो मंकीपॉक्स का कोई इलाज अभी तक नहीं बना है। लेकिन चेचक का टीका मंकीपॉक्स को रोकने में 85 प्रतिशत असरदार साबित हुआ है।संक्रमित व्यक्ति को इलाज खत्म होने तक खुद को दूसरे से दूर रखना चाहिए। 

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