सार
हाल ही में हुए एक रिसर्च से पता चला है कि बालों को कलर करने या उनकी स्ट्रेटनिंग करवाने से ब्रेस्ट कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है। ऐसा इसके लिए यूज किए जाने वाले कलर में मौजूद केमिकल्स की वजह से होता है।
हेल्थ डेस्क। ज्यादातर लोग अपने बालों को कलर करते हैं। उम्र बढ़ने पर जिनके बाल सफेद हो जाते हैं, वे तो बालों को कलर करते ही हैं, लेकिन यंग लोग भी फैशन के लिए अलग-अलग कलर से बालों को रंगते हैं और उनकी स्ट्रेटनिंग भी करवाते हैं। इसके लिए भी केमिकल का यूज किया जाता है। हाल ही में हुए एक रिसर्च से पता चला है कि इससे कई तरह के कैंसर के साथ ही ब्रेस्ट कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है। कलर में जो केमिकल मौजूद होते हैं, उनके असर से किसी को कैंसर हो सकता है। इसलिए बालों को कलर करने से बचना चाहिए। यह रिसर्च स्टडी अमेरिका के 'इंटरनेशनल जर्नल ऑफ कैंसर' में पब्लिश हुई है। बताया गया है कि हेयर डाई खास कर औरतों के लिए ज्यादा खतरनाक है, वहीं औरतें ही इसका सबसे ज्यादा इस्तेमाल करती हैं।
5000 से भी ज्यादा खतरनाक केमिकल
रिसर्च स्टडी में बताया गया है कि हेयर डाई और हेयर प्रोडक्ट में 5000 से भी ज्यादा खतरनाक केमिकल पाए गए, जिनसे कैंसर होने की संभावना रहती है। इनमें इंडोक्राइन सिस्टम को खराब करने की क्षमता होती है। कुछ डाई में तो 2,4 डाइमिनोन्सोल सल्फेट और पैरा-फेन्लेन्डायामाइन पाया गया। चूहों पर इनका इस्तमेमाल करने से उनके मैमेरी ग्लैंड्स में ट्यूमर पैदा हो गए।
हेयर डाई से हो सकता है ब्रेस्ट कैंसर
पहले की स्टडीज से भी पता चलता है कि हेयर डाई का इस्तेमाल करने से ब्रेस्ट कैंसर होने की संभावना रहती है। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एन्वायरन्मेंटल साइंसेस के वैज्ञानिकों ने पाया है कि हेयर डाई और केमिकल स्ट्रेटनर का यूज करने से 35 से लेकर 74 साल की औरतों में ब्रेस्ट कैंसर होने की संभावना सबसे ज्यादा पाई गई है।
स्टडी में 46,709 महिलाओं को किया गया शामिल
बता दें कि इस रिसर्च स्टडी में 2003 से 2009 के बीच 46,709 औरतों को शामिल किया गया। ये महिलाएं पिछले एक साल से हेयर डाई और दूसरे हेयर प्रोडक्ट का यूज कर रही थीं। वहीं, इनकी फैमिली में भी किसी न किसी को ब्रेस्ट कैंसर की बीमारी हो चुकी थी।