सार
नींद में चल पड़ना एक अजीबोगरीब बीमारी है। वैसे, इस बीमारी से कम लोग ही पीड़ित होते हैं, लेकिन फिर भी यह बीमारी बहुत खतरनाक मानी जाती है, क्योंकि अगर इस पर नियंत्रण नहीं किया गया तो मरीज की हालत बुरी भी हो सकती है।
हेल्थ डेस्क। नींद में चल पड़ना एक अजीबोगरीब बीमारी है। वैसे, इस बीमारी से कम लोग ही पीड़ित होते हैं, लेकिन फिर भी यह बीमारी बहुत खतरनाक मानी जाती है, क्योंकि अगर इस पर नियंत्रण नहीं किया गया तो मरीज की हालत बुरी भी हो सकती है। इस बीमारी का शिकार व्यक्ति नींद में ही उठ कर कहीं भी चल पड़ता है और उसे इसका एहसास नहीं होता। इस बीमारी को स्लीप वॉकिंग या सोम्नैम्बुलिज्म कहते हैं। यह बीमारी किसी को हो सकती है, पर बड़ी उम्र के लोगों की तुलना में बच्चों को यह बीमारी ज्यादा होती है। इसमें बीमारी का शिकार व्यक्ति स्वप्न देखने लगता है और उसी दौरान उठ कर चल पड़ता है। कई बार ऐसे लोग बुरे स्वप्न देखते हैं। नींद में चल पड़ने के दौरान ये कहीं भी गिर सकते हैं और इनके साथ दुर्घटना होने की आशंका भी होती है।
गहरी नींद में करते हैं ऐसा
बहुत लोगों को नींद से जुड़ी कई तरह की समस्याएं होती हैं। इनमें नींद ज्यादा आना, कम आना या नींद आने में काफी परेशानी होना शामिल है। अक्सर यह बीमारी उन लोगों को होती है, जिन्हें नींद आने से जुड़ी कोई समस्या पहले से हो। सोने के दौरान कभी नींद बहुत गहरी तो कभी हल्की होती है। गहरी नींद के दौरान जो सपने आते हैं, वे याद नहीं रहते। अक्सर स्लीप वॉक बीमारी के शिकार लोग गहरी नींद में ही चल पड़ते हैं।
उन्हें कुछ भी पता नहीं होता
जो लोग नींद में चलने की बीमारी के शिकार होते हैं, उन्हें इसके बारे में कुछ भी पता नहीं होता। अक्सर ये लोग नींद में कुछ बोलते, बड़बड़ाते, मुस्कुराते या रोते देखे जा सकते हैं। जब किसी में ऐसे लक्षण मिलें तो इस पर खास ध्यान देना चाहिए। जरूरी नहीं कि स्लीप वॉकिंग का शिकार व्यक्ति नींद में चल ही पड़े, कई बार ऐसे लोग सिर्फ उठ कर बैठ जाते हैं, कुछ बोलते हैं और फिर सो जाते हैं। लेकिन इस बात की आशंका हमेशा बनी रहती है कि वे बिस्तर से उतर कर चल पड़ें। ऐसे में, ये किसी चीज से टकरा कर गिर सकते हैं और इनके साथ कोई दुर्घटना भी हो सकती है। कई बार ऐसा देखा गया है कि नींद में चलने का रोगी छत पर सोते हुए नीचे गिर गया। कई बार ऐसे लोग जोर से चीखते भी हैं। ऐसा बुरे स्वप्नों की वजह से होता है।
स्लीप वॉकिंग के दौरान रोगी को जगाएं
जैसे ही लगे कि कोई नींद में चल रहा है तो उसे जगाने की कोशिश करनी चाहिए। लेकिन ऐसा अचानक नहीं करना चाहिए। उसे धीरे से पकड़ कर बिस्तर पर ले जाना चाहिए और आराम से जगाना चाहिए। इसके बाद पानी पीने को देना चाहिए। इतना करने पर इस बीमारी का शिकार व्यक्ति जाग जाता है। लेकिन उसे यह कभी पता नहीं रहता कि वह नींद में चल पड़ा था।
इलाज करवाना है जरूरी
ऐसी समस्या होने पर पीड़ित शख्स का स्लीप स्पेशलिस्ट डॉक्टर से चेकअप और इलाज करवाना जरूरी होता है, नहीं तो बीमारी बढ़ती चली जाती है। ज्यादातर मामलों में मानसिक समस्याओं के चलते भी नींद में चलने की बीमारी हो जाती है। इस बीमारी के शिकार बच्चे अक्सर बिस्तर पर ही मल-मूत्र का त्याग कर देते हैं। कई बड़े लोग भी बिस्तर पर ही पेशाब करते पाए गए हैं, क्योंकि स्वप्न के दौरान उन्हें लगता है कि वे टॉयलेट में हैं। ये इस बीमारी के संकेत हैं।
बरतें सावधानी
इस बीमारी से पीड़ित लोगों को लेकर सावधानी बरतना जरूरी होता है। इन्हें अकेले सोने नहीं देना चाहिए। साथ ही, जिस कमरे में ये सोते हों, वह अच्छी तरह से बंद होना चाहिए। खुली छत पर ऐसे लोगों को कभी सोने नहीं देना चाहिए, क्योंकि नींद में चलते हुए ये नीचे गिर जा सकते हैं। ऐसे लोगों को पौष्टिक भोजन दिया जाना चाहिए और अगर कोई मानसिक तनाव है तो उसे दूर करने की कोशिश की जानी चाहिए। इस बीमारी के शिकार लोगों पर लगातार निगरानी रखने की जरूरत होती है।