सार
कोरोना के संक्रमण से बचाव के लिए फेफड़े का स्वस्थ रहना जरूरी है। जिन लोगों के फेफड़े कमजोर हैं, उन्हें कोरोना का संक्रमण जल्दी हो सकता है।
हेल्थ डेस्क। कोरोना के संक्रमण से बचाव के लिए फेफड़े का स्वस्थ रहना जरूरी है। जिन लोगों के फेफड़े कमजोर हैं, उन्हें कोरोना का संक्रमण जल्दी हो सकता है। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन के डाइरेक्टर जनरल डॉक्टर टेड्रोस अदनोम घेब्रेयसस ने कहा है कि जिन लोगों के फेफड़े पहले से कमजोर हैं और इम्यून सिस्टम मजबूत नहीं है, वे कोरोना वायरस के चपेट में जल्दी आ सकते हैं। इसलिए साफ-सफाई बरतने के साथ फेफड़े को स्वस्थ रखना जरूरी है।
होलिस्टिक वेलनेस कोच और न्यूट्रिनिस्ट ल्यूक कॉटिन्हो का कहना है कि हमारे शरीर में कुछ ऐसे म्यूकस होते हैं, जो इम्यून सिस्टम को मजबूत करने का काम करते हैं। अगर सांसों के जरिए हमारे अंदर कोई वायरस आता है तो ये म्यूकस फेफड़े से उसे अंदर जाने नहीं देते। अक्सर छींक, जुकाम और कफ के जरिए ये बाहर निकल जाते हैं और हमारे शरीर के अंदरूनी अंग इससे सुरक्षित रहते हैं।
ज्यादा म्यूकस बनना ठीक नहीं
समस्या तब पैदा होती है, जब हमारे फेफड़े में ये म्यूकस जरूरत से ज्यादा बनने लगते हैं। इससे अस्थमा, निमोनिया और ब्रोंकाइटिस की समस्या पैदा होती है। जरूरत से ज्यादा म्यूकस बनने से वायरस, बैक्टीरिया और दूसरे विषाणुओं का हमला हो सकता है, जिससे शरीर के अंग प्रभावित हो सकते हैं और कई तरह की बीमारियां हो सकती हैं। इससे बचने के लिए कुछ घरेलू उपायों को अपनाया जा सकता है, जो बेहद कारगर साबित हुए हैं।
1. मेथी के दाने
मेथी का इस्तेमाल मसाले के रूप में किया जाता है। यह म्यूकस को कम करने और शरीर से बाहर निकालने में मददगार होता है। एक चम्मच मेथी के दाने को 4-5 मिनट तक पानी में उबालें और उसे ठंडा होने दें। दिन में एक या दो बार एक कप इसे पीने से बलगम पूरी तरह बाहर निकल जाता है और इससे किसी भी तरह के संक्रमण से बचाव होता है।
2. प्राणायाम
अगर ज्यादा म्यूकस बन रहा हो और इससे परेशानी हो रही हो तो प्राणायाम करने से काफी फायदा होता है। इससे गैरजरूरी म्यूकस बाहर निकल जाता है। प्राणायाम करने से शरीर तो स्वस्थ रहता ही है, मन भी शांत रहता है। लेकिन अगर आपने पहले कभी प्राणायाम नहीं किया हो तो किसी अच्छे योग प्रशिक्षक से इसके बारे में जानने के बाद ही करें।
3. नमक मिले पानी से गार्गल
म्यूकस ज्यादा बनने पर गर्म पानी में नमक मिला कर गार्गल करने से भी जल्दी फायदा होता है। इससे गले की खराश कम होती है और सांस लेने में कोई परेशानी नहीं होती। पानी में साधारण नमक की जगह काला या सेंधा नमक का इस्तेमाल कर सकते हैं। इससे ज्यादा फायदा होता है।
4. भाप लें
सांस से संबंधित तकलीफ होने पर अक्सर लोग इनहेलर का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन अगर आपके पास इनहेलर नहीं हो तो आप एक बर्तन में पानी गर्म करें। इसके बाद तौलिए से सिर और मुंह ढक कर भाप सांसों से खींचें। यह तरीका काफी कारगर है। अगर समस्या ज्यादा हो तो दिन में दो बार भाप ले सकते हैं।