सार
माता-पिता बनने के बाद कई चुनौतियां आती हैं। जिसमें एक चुनौती बच्चे को सुलाने को लेकर होती है। अमूमन पैरेंट्स की यही शिकायत होती है कि उनका नवजात बच्चा सोता नहीं है और बहुत ज्यादा रोता है। हम आपको बताने जा रहे हैं कि कैसे अपने रोते हुए बच्चे को 5 मिनट में सुला सकते हैं।
हेल्थ डेस्क. रोते हुए बच्चे को शांत कराने और उन्हें सुलाने को लेकर वैज्ञानिकों ने शोध किया। जिसमें उन्होंने पाया कि बच्चा पांच मिनट के अंदर सो सकता है अगर पैरेंट्स उसे गोद में लेकर घूमें। मतलब रोते हुए बच्चे को अगर गोद में लेकर 5 मिनट वॉक करते हैं तो वो शांत हो जाते हैं और सो जाते हैं। हालांकि यह ट्रिक पहले से शांत बच्चे पर काम नहीं करता है। उनके लिए ज्यादा वॉक करने की जरूरत पड़ती है।
जीवविज्ञानिकों (Biologists) ने एक 'परिवहन प्रतिक्रिया' की खोज की है जो चूहे, पिल्ले और मानव शिशुओं में मौजूद थी। ये सभी शांत हो जाते हैं जब इन्हें लेकर घूमते हैं तो। स्टडी के ऑथर डॉ कुमी कुरोदा ( Kumi Kuroda) बताते हैं कि कई माता-पिता बच्चों के रात के समय रोने से पीड़ित होते हैं।यह इतना बड़ा मुद्दा है, खासकर अनुभवहीन माता-पिता के लिए जो तनाव कारण बन सकता है। यहां तक कि कुछ मामलों में बच्चों के साथ दुर्व्यवहार भी हो सकता है।
उन्होंने बताया कि वह एक ऐसा ऐप विकसित कर रहे हैं जो माता-पिता को सचेत करेगा कि बच्चा रोने या उठने वाला है और उसे गोद में लेकर घूमाने की जरूरत है। इससे वो बच्चे को जागने से पहले या रोने से पहले गोद में लेकर वॉक करेंगे ताकि वो शांत हो जाए।
21 शिशुओं पर की गई स्टडी
स्टडी 21 शिशुओं पर की गई। प्रयोगों में इनके हृदय गति और व्यवहार में विभिन्न परिवर्तनों की तुलना की गई। उनकी माताओं ने उनके साथ कई तरह की गतिविधियां की, जिनमें गोद में लेकर घूमाना, पकड़ कर बैठे रहना और स्ट्रोलर में बैठाकर घूमाना शामिल था। इन गतिविधियों के दौरान,बच्चों को ईईजी (इलेक्ट्रोएन्सेफलोग्राम) स्कैल्प कैप पहनाई गई थी ताकि उनके इलेक्ट्रिकल एक्टिविटी को नोट किया जा सके।यह भी नोट किया गया था कि जब बच्चे रो रहे थे, शांत थे, जाग रहे थे या सो रहे थे।
पांच मिनट के अंदर रोते हुए बच्चे शांत हो गए और आधे से ज्यादा सो गए
जब बच्चे को गोद में उठाकर घूमाया गया तो उन्होंने रोना बंद कर दिया और शांत हो गए। उनकी हृदय गति 30 सेकंड के भीतर धीमी हो गई। पांच मिनट तक चलने पर सभी बच्चे शांत हो गए और आधे से ज्यादा सो गए। टोक्यो में रिकेन सेंटर फॉर ब्रेन साइंस ने इस स्टडी को किया। शोध में यह भी बताया गया है कि जब बच्चा सो जाता है तो उसे और भी वक्त चाहिए होता है गहरी नींद में जाने के लिए। क्योंकि जैसे ही बच्चों का संपर्क मां से हटता है वो जाग जाते हैं। यदि शिशु लेटने से पहले अधिक समय तक सोए रहते हैं, तो उनके जागने की संभावना कम होती है।
परिणाम से वैज्ञानिक भी थे हैरान
डॉ कुमी ने कहा,'चार बच्चों की मां के रूप में भी, मैं परिणाम देखकर बहुत हैरान थी।मैंने सोचा था कि लेटने के दौरान बच्चे का जागना इस बात से संबंधित है कि उन्हें बिस्तर पर कैसे रखा जाता है। बिस्तर कोमलता कैसी होती है। लेकिन हमारे प्रयोग ने इन सामान्य धारणाओं का समर्थन नहीं किया'
उन्होंने कहा कि पांच मिनट चलने से नींद को बढ़ावा मिलती है, लेकिन केवल रोते हुए शिशुओं के लिए। अगर बच्चा पहले से शांत हैं तो उनपर यह प्रभाव लागू नहीं होता है। प्रयोग में यह भी सामने आया कि बच्चा अपनी मां से इतना अटैच होते हैं कि अगर जब उनकी माता मुड़ती है या फिर चलना बंद कर देती हैं तो उनकी हृदय गति बढ़ गई।
ऐसे सुलाए अपने बच्चे को
डॉ कुमी माता-पिता को अपने रोते हुए बच्चों को लगभग पांच मिनट तक लगातार गोद में लेकर वॉक करने की सलाह देते हैं। फिर उनको लेकर 8 मिनट बैठने को कहती हैं। इसके बाद बिस्तर पर रखने की सलाह देती हैं। ताकि वो गहरे नींद में चले जाए और उनके उठने की संभावना ना हो।
डॉ कुमी ने बताया कि हम एक "बेबी-टेक" पहनने योग्य उपकरण विकसित कर रहे हैं जिसके साथ माता-पिता वास्तविक समय में अपने स्मार्टफोन पर अपने बच्चों की शारीरिक स्थिति देख सकते हैं। उम्मीद है कि बच्चों को सोने में मदद मिलेगी और अत्यधिक शिशु रोने के कारण माता-पिता के तनाव को कम किया जा सकता है।
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