सार

हल्दी एक ऐसा मसाला है जो हर रसोई में पाया जाता है, लेकिन इसमें कई बीमारियों को दूर करने की भी क्षमता है। आज हल्दी का दवा बनाने में भी इस्तेमाल किया जा रहा है। इसके सेवन से कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं को दूर किया जा सकता है।


हेल्थ डेस्क। आज हल्दी का प्रयोग कैंसर की दवाओं में किया जा रहा है। प्रदूषण के बढ़ने के साथ कैंसर का खतरा भी तेजी से बढ़ता जा रहा है। कैंसर की बीमारी का इलाज भी महंगा होता है। ऐसे में, ज्यादातर लोगों की मौत इलाज के अभाव में हो जाती है। इसी के चलते दुनियाभर के वैज्ञानिक ऐसे दवाइयां विकसित करने में लगे हैं जो सस्ती हों और जिनसे बेहतर इलाज किया जा सके। अमेरिका में वैज्ञानिकों के एक दल ने बोन कैंसर की एक ऐसी दवा बनाई है, जिसमें मुख्य रूप से हल्दी का प्रयोग किया गया है। इससे बोन कैंसर सेल्स की वृद्धि को रोका जा सकता है।

इस दवा में मुख्य घटक है हल्दी
बोन कैंसर के इलाज के लिए बनाई गई इस दवा का मुख्य घटक हल्दी है। इसे कैंसर कोशिकाओं की वृद्धि रोकने में सफल पाया गया है। इसे अमेरिका की वॉशिंगटन स्टेट यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने विकसित किया है। यह स्वस्थ बोन सेल्स की वृद्धि को भी तेज करता है।

किसके लिए है कारगर  
उपचार का यह तरीका उन लोगों के लिए कारगर हो सकता है, जो ऑस्टियोसार्कोमा से पीड़ित होते हैं। बता दें कि ये कोई पहली बार नहीं है जब किसी दवाई के लिए हल्दी का प्रयोग किया गया है। 

सदियों से हो रहा दवाओं में हल्दी का प्रयोग
हल्दी का प्रयोग सदियों से दवाओं में किया जाता रहा है। हल्दी के सक्रिय तत्व करक्यूमिन में एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इन्फ्लेमेटोरी क्षमता होती है।

इन बीमारियों के इलाज में है कारगर
हल्दी के इस्तेमाल से त्‍वचा, पेट और बेहोशी जैसी बीमारियों से निजात पाने  में मदद मिलती है। इसके अलावा लिवर की बीमारियों में भी हल्‍दी बेहद उपयोगी होती है। यह रक्त दोष दूर करती है। हल्‍दी प्रकृतिक तौर पर ऐसे एन्‍जाइम्‍स को बढ़ाती है, जिससे लिवर से विषैले पदार्थों को बाहर निकालने में मदद मिलती है।

रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाती है 
यही नहीं, हल्दी का रंग खाने के रंग को बदलने के साथ ही हमारे मन पर भी अच्छा प्रभाव डालता है। एक अध्ययन में यह बात सामने आई है। नियमित रूप से खाने में हल्दी का सेवन करने से हमारी याददाश्त बढ़ती है और मूड भी अच्छा होता है। हल्दी बैक्टीरिया और वायरस से लड़ने में भी मदद करती है। इसमें पाया जाने वाला करक्यूमिन नामक तत्‍व के कारण कैथेलिसाइडिन एंटी माइक्रोबियल पेप्टाइड (सीएएमपी) नामक प्रोटीन की मात्रा बढ़ती है, जो शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है। 

पेट संबंधी समस्याएं होती हैं दूर
इसके अलावा, हल्दी का इस्तेमाल पेट की समस्याओं को दूर करने में भी होता है। हल्‍दी का सही मात्रा में प्रयोग करने से  पेट में जलन और अल्‍सर की समस्‍या दूर होती है। हल्दी का पीला रंग करक्यूमिन नाम के एक अवयव से होता है। करक्यूमिन पेट की बीमारियों जैसे जलन और अल्सर में काफी लाभदायक होता है।