सार
World Suicide prevention day : विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस पर आज हम आपको बताते हैं, किन कारण जिनके चलते कोई आदमी आत्महत्या कर सकता है।
हेल्थ डेस्क : हर साल 10 सितंबर को विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस (World Suicide prevention day 2022) मनाया जाता है। इसका आयोजन इंटरनेशनल एसोसिएशन फॉर सुसाइड प्रिवेंशन (IASP) ने किया था और विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) इसका समर्थन करता है। इस दिन को मनाने का मकसद दुनियाभर में बढ़ती आत्महत्याओं को रोकना और इसके बारे में जागरुकता पैदा करना है। इस दिन की शुरुआत 2003 में इंटरनेशनल एसोसिएशन फॉर सुसाइड प्रिवेंशन (IASP) ने की थी। वैसे तो खुदखुशी के कई कारण हो सकते हैं। लेकिन आज हम आपको यहां कुछ अजीबोगरीब कारण बताते हैं, जिसके चलते भी लोग आत्महत्या का शिकार हो जाते हैं।
(यहां हमारा उद्देश्य किसी को आत्महत्या के लिए उकसाना नहीं है। यहां बस हम आपको जागरुक करना चाहते हैं, कि किसी भी छोटी बात पर इतना बड़ा कदम उठाने का विचार भी गलत है। )
गलती होना
कई बार जब लोगों का एहसास होता है कि उन्होंने गलती कर दी है, तो उसे सुधारने की वजह लोग आत्महत्या करने का विचार करने लगते हैं। ऐसे में आपको अपनी गलती का एहसास करके उसे सही करने या माफी मांगने की जरूरत होती है ना की आत्महत्या जैसा कदम उठाने की।
इंसल्ट होना
आत्मसम्मान लोगों के लिए बहुत ज्यादा जरूरी होता है। लेकिन कई बार जब उनके आत्मसम्मान को ठेस पहुंचती है या उन्हें अपमानित किया जाता है, तो इस हालत में लोग अपने आप को संभाल नहीं पाते हैं और आत्महत्या करने का रास्ता अपना लेते हैं, जबकि आपको ऐसा नहीं करना चाहिए।
उम्मीदें खत्म हो जाना
कुछ लोग मुश्किलों से इतना डर जाते हैं कि ना उम्मीद हो जाते हैं और उन्हें लगता है कि अब उनके साथ कुछ अच्छा नहीं हो सकता है। ऐसे में वह आत्महत्या जैसा कदम उठा लेते हैं।
पारिवारिक बदलाव
कई बार लोग परिवार में बदलाव के कारण भी सुसाइड कर लेते हैं। जैसे- परिवार में कोई नया सदस्य आने पर बच्चे अलग-थलग महसूस करने लगते हैं, इसकी चलते वो आत्महत्या कर लेते हैं, क्योंकि उन्हें लगता है कि उनकी इंपोर्टेंस घर में कम हो गई है। इसके अलावा कहीं लोग किसी की मौत, बच्चा गोद लेना, तलाक होना, घर बदलना जैसे कारणों के चलते भी सुसाइड कर लेते हैं।
दर्द या बीमारी
कई लोग क्रॉनिक दर्द या बीमारी से परेशान होकर आत्महत्या जैसा कदम उठा लेते हैं। इसके पीछे दर्द सहन ना कर पाना और लाइलाज बीमारी होना हो सकता है।
कॉन्फिडेंस में कमी
ऐसा अमूमन देखा जाता है कि जब किसी एग्जाम में कोई बच्चा फेल हो जाता और उसका कॉन्फिडेंस पूरी तरह से टूट जाता और उसे लगता है कि अब वह अपनी जिंदगी में कुछ नहीं कर सकता तो वह अपनी जान दे देता है।
सुंदर ना दिखना
जी हां, कई बार आत्महत्या के ऐसे मामले भी सामने आए हैं जहां पर सुंदर नहीं दिखने के चलते भी कई लोगों ने आत्महत्या कर ली है। एक्सपर्ट्स के अनुसार ऐसे लोग बहुत ज्यादा सेल्फ ऑफसेट होते हैं और इन्हें सुंदर दिखने के अलावा कुछ और नहीं करना होता है।
बुलिंग
स्कूल और कॉलेज में अक्सर छात्र छात्राओं को परेशान किया जाता है। कई बार इसी तरह की बुलिंग का शिकार होने वाले बच्चे परेशान होकर जान दे देते हैं। रिपोर्ट के अनुसार करीब 30% बच्चे स्कूल में बुलिंग किए जाने के चलते स्कूल जाना पसंद नहीं करते हैं।
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