भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की बात करें तो आदिवासी नेता तिरोत सिंह की बहादुरी को सभी भारतीय सलाम करते हैं। माना जाता है कि उनसे अंग्रेजी सेना भी खौफ खाती थी।
भारत के स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान जिन्होंने प्रतिशोध जताया, उनमें मराक्कर्स का नाम भी आता है। वे कभी पुर्तगालियों के सहयोगी थे लेकिन बाद में पक्के दुश्मन बन गए।
भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में कई महान लोगों ने योगदान दिए हैं। ऐसे ही एक क्रांतिकारी विचारक और प्रख्यात वैज्ञानिक थे पीसी रे, जिन्होंने भारतीय जनमानस को राष्ट्रवाद की भावना से ओतप्रोत किया।
भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में कवि प्रदीप का नाम स्वर्णाक्षरों में अंकित है। उन्होंने ऐसी-ऐसी रचनाएं की जिसने भारतीय जनमानस को जगाने का काम किया।
भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन का इतिहास देश को आजादी दिलाने वाले दीवानों से भरा पड़ा है। ऐसे ही एक महान क्रांतिकारी थे वीओ चिदंबरम पिल्लई (Valliyappan Olaganathan Chidambaram Pillai ) जिन्होंने अंग्रेजों के कारोबार को तहस-नहस करने में कोई कसर नहीं छोड़ी।
आज हम देश के बारे में चिंतन करते हैं तो लगता है हिंदू-मुस्लिम एकता के बीच गहरी खाई पैदा हो गई। लेकिन एक वक्त ऐसा भी था जब अंग्रेजों के खिलाफ हिंदू-मुस्लिम एकता ने मिसाल कायम की थी।
भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान कई ऐसे नाम थे, जिन्होंने भारतीय जनमानस में आत्मविश्वास का संचार किया। इन्हीं में एक थे अबनिंद्रनाथ टैगोर, जो कि महान रबिन्द्रनाथ टैगोर के परिवार से ताल्लुक रखते थे।
भारत में अंग्रेजों की एंट्री कैसे हुई यह इतिहास की किताबों में दर्ज है लेकिन वाकई में उस वक्त क्या हुआ था, यह जानना भी जरूरी है।
पूरा भीखाजी रुस्तम कामा यानी मैडम कामा, जी हां, यही वह नाम था जिनसे ब्रिटिश सरकार भी खौफ खाती थी। अंग्रेजों ने मैडम कामा पर जुल्म किए वे उनकी हिम्मत के आगे हार गए।
भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन (Indian freedom movement) के दौरान कई भारतीयों ने अभूतपूर्व साहस का परिचय दिया था। उन्हीं में से एक हैं गामा पहलवान।