सार
छठ पूजा बिहार से लेकर झारखंड और पूरे देश में धूमधाम से मनाया जाता है। यह पर्व चार दिन तक चलता है। इसकी शुरुआत आज यानि 31 अक्टूबर से शुरू हो गई है। नहाय-खाय से लेकर उगते सूर्य भगवना को अर्ग देन तक चलने वाले इस त्यौहार का अलग ही एक महत्व है।
रांची. छठ पूजा बिहार से लेकर झारखंड और पूरे देश में धूमधाम से मनाया जाता है। यह पर्व चार दिन तक चलता है। इसकी शुरुआत आज यानि 31 अक्टूबर से शुरू हो गई है। नहाय-खाय से लेकर उगते सूर्य भगवना को अर्ग देन तक चलने वाले इस त्यौहार का अलग ही एक महत्व है। इस दौरान गुरुवार को झारखंड के नगर विकास मंत्री सीपी सिंह, रांची मेयर आशा लकड़ा, डिप्टी मेयर संजीव विजयवर्गीय सहित निगम के अधिकारियों ने विभिन्न छठ घाटों का निरीक्षण किया।
36 घंटे तक पानी तक नहीं पीती हैं महिलाएं...
इस छठ पूजा के दिन लोग 36 घंटे का व्रत रखते हैं और इस उपवास के समय कोई पानी तक ग्रहण नहीं करता है। सुबह से ही गंगा या नदी के घाटों पर व्रत रखने वाले लोगों की भीड़ लगने लगती है। स्नान के बाद महिलाओं ने एक-दूसरे की मांग में सिंदूर लगाती हैं। जानकारी के मुताबिक, यह व्रत संतान प्राप्ति के साथ-साथ परिवार की सुख-समृद्धि के लिए भी रखा जाता है।
इन बातों का जरुर रखें ध्यान
1. बताया जाता है कि इन चार दिनों तक प्याज और लहसुन का सेवन करना वर्जित माना जाता है।
2. ऐसा सुना है कि जो महिलाएं इस व्रत को रखती हैं वह पलंग या चारपाई पर नहीं सोती हैं। वह जमीन पर ही नींद को पूरा करती हैं।
3. बताया जाता है कि जिस जगह आप प्रसाद बना रहे हैं, वहां पर पहले खाना न बनता हो।
4. अगर आपने व्रत रखा है तो बिना सूर्य को अर्घ्य दिए किसी भी चीज का सेवन न करें।
5. इस महापर्व के दौरान आप न तो शराब पी सकते हैं और न ही मांस खा सकते हैं।
6. व्रत करने वाली महिलाएं स्नान के बाद कद्दू की सब्जी और अरवा चावल के भात का प्रसाद ग्रहण करेंगी।
7. छठ मईया का प्रसाद बनाते समय कोई किसी से बात तक नहीं करता है। यानि मौन रहकर प्रसादी बनाई जाती है।