सार

दुमका में हुए अंकिता हत्याकांड मामले में आरोपियों के खिलाफ हाईकोर्ट की मॉनिटरिंग में चल रहा केस, एक माह में फैसला आ सकता है। वहीं अधिवक्ताओं ने आरोपियों की पैरवी करने से इंकार कर दिया है। वारदात में एक हफ्ते में चार्जशीट जमा करेगी एसआईटी।

दुमका(झारखंड). झारखंड के दुमका में पेट्रोल से जलाकर मार दी गई अंकिता सिंह के हत्या मामले में अब वकीलों ने आरोपियों की पैरवी करने से इंकार कर दिया है। उनका कहना है कि कोई भी आरोपी शाहरुख और नईम का केस नहीं लड़ेगा। बार एसोसिएशन के अध्यक्ष विजय की अध्यक्षता में हुई बैठक में यह फैसला लिया गया। बैठक में पूरी घटना की कड़ी निंदा की गई। साथ ही इस घटना में शामिल आरोपियों शाहरुख और नईम के पक्ष में केस नहीं लड़ने का निर्णय लिया गया है। बार एसोसिएशन के अध्यक्ष विजय की अध्यक्षता में हुई बैठक में निंदा प्रस्ताव पारित किया गया। बता दें कि अंकिता की हत्या की जांच हाईकोर्ट की मॉनिटरिंग में चल रही है। एक सप्ताह के अंदर चार्जशीट दाखिल किया जाएगा। ऐसे में अंदेशा लगाया जा रहा है कि एक माह के अंदर केस का फैसला आ सकता है। 

आरोपियों को 72 घंटे के रिमांड पर पूछताछ जारी
छात्रा हत्या मामले में पुलिस एक सप्ताह के अंदर अनुसंधान पूरा कर कोर्ट में चार्जशीट जमा करने की तैयारी में जुटी हुई है। कांड के त्वरित अनुसंधान के लिए गठित एसआईटी हत्याकांड का साक्ष्य जुटाने के लिए दिन-रात काम कर रही है। हत्याकांड में गिरफ्तार दोनो आरोपियों शाहरुख और नईम उर्फ छोटू को 72 घंटे के रिमांड पर लेकर पुलिस लगातार पूछताछ कर रही है। 

शहर के ही पेट्रोल पंप से खरीदा था पेट्रोल, सीसीटीवी जांचेगी पुलिस
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक छात्रा को जलाने के लिए आरोपियों ने 22 अगस्त को ही शहर के एक पेट्रोल पंप से पेट्रोल खरीदा था। एसआईटी ने क केवल उक्त पेट्रोल पंप पता लगा लिया है बल्कि साक्ष्य के तौर पर आरोपी का पेट्रोल खरीदने का सीसीटीवी फुटेज भी प्राप्त कर लिया है। इस फुटेज में एक आरोपी बोतल में पेट्रोल खरीदते देखा जा रहा है। पुलिस इस सीसीटीवी फुटेज को साक्ष्य के तौर पर कोर्ट में जमा करने वाली है।

हाईकोर्ट कर रहा केस की मॉनिटरिंग, एक माह में फैसला संभव
हत्याकांड की जांच कर रही एसआईटी के सूत्रों के मुताबिक पुलिस की यह तैयारी है कि एक सप्ताह के अंदर स्पेशल कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर कर दिया जाए। हाई कोर्ट भी इस केस की मॉनिटरिंग कर रहा है। समय पर पुलिस अगर चर्जशीट जमा कर देती है तो स्पेशल कोर्ट में स्पीडी ट्रायल चला कर एक माह के अंदर इस मामले में सजा सुनाई जा सकती है। दुमका में कुछ वर्ष पहले दुष्कर्म एवं हत्या के एक केस में एक माह के अंदर दोषी को फांसी की सजा सुनाई जा चुकी है।

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