सार

झारखंड की दुमका जिलें में राज्य सीएम हेमंत सोरेन ने 21 जुलाई के दिन संथाल वासियों को करोड़ों का तोहफा दिया है। इस दौरान उन्होंने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि- मोदी सरकार सिर्फ ढींगे हांकती है।

दुमका (झारखंड). झारखंड के दुमका जिलें की  पुलिस मैदान में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेने ने संथालवायों को 401 करोड़ की सौगात दी है। उन्होंने वहां 52 योजनाओं का शिलान्यास किया। इस दौरान झामुमो विधायक नलीन सोरेन, विधायक बसंत सोरेन, प्रदीप यादव, बाल विकास मंत्री जोबा मांझी समेत अन्य झामुमो के नेता उपस्थित थे। उन्होंने भी सभा में लोगों का संबोधन किया। ग्रामीण सचिव अविनाश कुमार ने सभा का स्वागत किया। इस दौरान जनसभा को संबोधीत करते हुए सीएम हेमंत सोरेने ने कहा कि अगर किसी भी वृद्ध अथवा जरूरतमंद को पेंशन नहीं मिली, तो उसके लिए पदाधिकारी जिम्मेवार होंगे. उन्होंने केंद्र की सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि केंद्र की बीजेपी सरकार सीर्फ ढींगे हांकती है। पांच किलो राशन दे रहे हैं। ये कर रहे हैं, वो कर रहे हैं। उसमें भी लंबी कतार है। हम देश को पानी उपलब्ध नहीं करा पाये। किसानों के खेत में पानी नहीं दे पाये। किसानों, गरीबों को, शहरी लोगों को पानी नहीं दे पाये, तो देश कैसे आगे बढ़ेगा। 

सरकार बनवाले वालों का कर्ज उतारने आए हैं : सीएम
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन बोले- हमारा प्रयास है कि इस राज्य के और राज्य के सबसे अंतिम व्यक्ति तक हम पहुंचें। सरकार की आवाज और उन तक हमारी योजनाएं पहुंचे। 2019 के चुनाव में पैसें वालों को हराकर संथाल की जनता ने गांव की सरकार बनवाई। उन्हें हराने वाले और हमारी सरकार बनवाने वाले जल, जंगल, जमीन और कोने-कोने में रहनेवाले लोग थे। आज उस आर्शीवाद का हम कर्ज उतारने में लगे हैं। 

झारखंड में कई समस्याएं है, मिलकर लड़ेंगे
सीएम ने कहा- झारखंड देश का सबसे पिछड़ा राज्य है, जहां गरीबी, बेरोजगारी, भुखमरी, कुपोषण जैसे संक्रमण हैं। ऐसा लगता था कि यह राज्य कभी आगे बढ़ेगा ही नहीं। 2019 में हमलोगों ने गंठबंधन बना कर डबल इंजन की सरकार को उखाड़ फेंका। सरकार बनते ही कोरोना आ गया। आपलोगों के सहयोग से और इस राज्य के जल जंगल की जमीन की हरियाली की वजह से यहां के जनमानस को हमलोगों ने सुरक्षित रखा। पता नहीं और झारखंड को कितनी समस्याएं और परेशानियां झेलनी होगी। हमलोग महामारी से ठीक से निकले ही नहीं हैं कि राज्य में सुखाड़ की स्थिति बनी हुई है। यहां पर बारिश की हालत काफी खराब है। गांव में लोग बिचड़ा भी नहीं रोप पा रहे हैं। लगातार हम मौसम विभाग की भविष्यवाणी को देख रहे हैं। वहां पर हमें निराशा मिल रही है। जहां पर 80 से 90 फीसदी लोग निर्भर हैं सिर्फ बारिश पर, वहां पर बारिश नहीं हो रही है। किसानों, मजदूरों, गरीबों के साथ लगातार मुसीबत आ रही है। 

पिछली सरकार को भी घेरा 
मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि ये लोग कुछ दिन और रहते, तो इस राज्य को बेच देते। यही होता है व्यापारियों को सरकार का जिम्मा देना। आमदनी अठन्नी, खर्चा रुपैया। 20 वर्ष में साढ़े छह लाख लोगों को पेंशन दिया। हमलोग ढाई साल में इस संख्या को 17 से 18 लाख तक पहुंचा दिये। ये 20 साल तक क्या कर रहे थे। राशन कार्ड का भी हालत ऐसा ही था। गरीबों के राशन कार्ड में चावल के साथ-साथ तेल, नमक, चीनी, दाल भी मिलता था। मात्र चावल लोगों को मिलता रहा। हमलोगों ने नमक देने का फैसला लिया है। अब दाल भी देने लगे हैं। इन सब योजनाओं को देख कर विरोधियों के पेट में दर्द होता है। 

सरकार की योजनाओं को गिनाया
राज्य की सरकारी योजनाओं के बारे में लोगों को बताते हुए सीएम हेमंत सोरेने ने कहा कि पीछली सरकार में गरीबी का आलम यह था कि उन्हें कुछ नहीं मिल रहा था। गरीबों के लिए साड़ी-धोती योजना शुरू की। साल में दो बार गरीबों को 10 रुपये में धोती-साड़ी बांट रहे हैं। आज इस राज्य के हर वर्ग में यह सरकार काम कर रही है। सरकारी नौकरी, गैर सरकारी क्षेत्र में नौकरी हो। स्वरोजगार के माध्यम से नौकरी देने की बात हो। हम कर रहे हैं। बड़े अप्रत्याशित काम कर रहे हैं। जेपीएससी के सफल 250 अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र दिया। पारा शिक्षक, पुलिस तथा अन्य कर्मी को रोजगार देने का काम किया। हम सभी को रोजगार देंगे। भाजपा को गद्दी से उतारने में 40 साल लग गए अब लोगों को उन्हें पहचानने की जरुरत है।

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