सार
यह है पायल टोप्पो। यह बेबस बच्ची गुमला जिले के करमटोली में रहती है। एक हादसे में पिता की मौत के बावजूद उसने खुद और अपनी मां को संभाला। लेकिन 6 साल पहले अचानक उसके पैर बेजान हो गए। पढ़िए भावुक करने वाली कहानी...
गुमला. झारखंड.यह है पायल टोप्पो। यह बेबस बच्ची गुमला जिले के करमटोली में रहती है। एक हादसे में पिता की मौत के बावजूद उसने खुद और अपनी मां को संभाला। लेकिन 6 साल पहले अचानक उसके पैर बेजान हो गए। इसके बाद तो मां-बेटी के लिए जीना ही मुश्किल हो गया। पायल की कहानी जब मीडिया के जरिये सामने आई, तो उसे पढ़कर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भावुक हो उठे। उन्होंने फौरन ट्वीट किया। बच्ची की पढ़ाई-लिखाई और बाकी चीजों के लिए हर संभव मदद दिलाने का भरोसा दिया। इसके बाद प्रशासन सक्रिय हुआ और बच्ची की मदद के लिए जुट गए हैं।
6 साल से बिस्तर पर पड़ी है बच्ची...
पायल के पिता की 6 साल पहले मिट्टी की खदान में दबने से मौत हो गई थी। ठेकेदार ने उनकी मौत के बाद महज 5000 रुपए का मुआवजा दिया। पिता की मौत के बाद पायल और उनकी मां सपना मानों टूट सा गया। घर मे खाने के लाले पड़ गए। जैसे-तैसे दोनों ने खुद को संभाला। लेकिन अचानक एक दिन पायल के दोनों पैरों को लकवा मार गया। इसके बाद वो भी बिस्तर पर पड़ी रह गई। हालांकि बताते हैं के उसका इलाज संभव है, लेकिन पैसा काफी खर्च होगा। मां को अपनी बेटी के इलाज के लिए किसी फरिश्ते की जरूरत थी। मजदूरी करने वाली मां को नहीं मालूम था कि 6 साल बाद ही सही, मीडिया के जरिये उसकी करुण पुकार मुख्यमंत्री तक पहुंच जाएगी। सपना को उम्मीद है कि अब उसकी बेटी का किसी बड़े हास्पिटल में इलाज संभव होगा। मुख्यमंत्री के ट्वीट के बाद पायल के चेहरे पर भी मुस्कान आई है। वो पढ़ना चाहती है..स्कूल जाना चाहती है..।