सार

नई शिक्षा नीति पर रिसर्च और स्किल पर सबसे ज्यादा फोकस किया गया है। कमेटी का कहना है कि कोर्स का सिलेबस डिजाइन किया गया है। स्नातक का कोर्स अब चार साल का होगा। इनमें आठ सेमेस्टर शामिल रहेंगे।

रांची. राज्य के विश्वविद्यायों में नई शिक्षा नीति- 2020 के अनुसार पढ़ाई होनी है। इनमें रांची विश्वविद्यालय, डीएसपीएमयू समेत अन्य विश्वविद्यालय शामिल हैं। इसके लिए अपर मुख्य सचिव केके खंडेलवाल की अध्यक्षता में कमेटी ने इसका ड्राफ्ट तैयार कर लिया है। जिसके तहत स्नातक का कोर्स अब चार साल का होगा। इनमें आठ सेमेस्टर शामिल रहेंगे। इसके पूर्व स्नातक की पढ़ाई तीन साल की होती थी।

रिसर्च वर्क पर होगा फोकस
नई शिक्षा नीति पर रिसर्च और स्किल पर सबसे ज्यादा फोकस किया गया है। कमेटी का कहना है कि कोर्स का सिलेबस डिजाइन किया गया है। इसका उदेश्य विद्यार्थियों को स्वावलंबी बनाना है। ताकि विद्यार्थी पढ़ाई पुरी करने के बाद भी बेरोजगार ना रहे। कहा गया है कि नई शिक्षा नीति के तहत किसी कारण वश विद्यार्थी बीच सेशन में पढ़ाई छोड़ते हैं तो उन्हें भी प्रामाण पत्र दिया जाएगा। इससे पहले स्नातक की पढ़ाई बीच में छोड़ने पर प्रमाण पत्र नहीं दिया जाता था। लेकिन नई शिक्षा नीति में जितनी पढ़ाई, उतने का प्रमाण पत्र देने का प्रावधान है। नए सिलेबस के अनुसार एक साल बाद सर्टिफिकेट, तीन-चार साल बाद बैचलर की डिग्री, दो साल के बाद डिप्लोमा और चार साल की पढ़ाई पूरी करने पर रिसर्च ऑनर्स की डिग्र मिलेगी।   

छात्रों को रिसर्च के लिए ज्यादा समय मिलेगा
नई शिक्षा नीति 2020 के तहत छात्रों को रिसर्च के लिए ज्यादा समय मिलेगा। नई शिक्षा नीति के तहत स्नातक ऑनर्स की पढ़ाई 176 क्रेडिट का होगा। एक क्रेडिट में 15 घंटे होते हैं। इसके तहत चार साल के स्नातक कोर्स में कुल 2640 घंटे की पढ़ाई होगी। पहले स्नातक में 164 क्रेडिट की पढ़ाई होती थी। नई शिक्षा नीति के तहत 12 क्रेडिट की अधिक पढ़ाई होनी है।  

नए कोर्स जो सिलेबस में हुए शामिल
नई शिक्षा नीति 2020 के तहत कई कोर्स को सिलेबस में शामिल किया गया है। इनमें अंडर स्डैंडिंग इंडिया, योगा एजेकेशन या स्पोर्ट्स फिटनेस, डिजिटल एजुकेशन, मैथेमैटिकल, एंड कंप्यूटेशनल थिंकिंग, वैल्यू बेस्ड कोर्स, ग्लोबल सिजनशिप, कम्यूनिटी इंगेजमेंट या एनसीसी या एनएसएस, इंटर्नशीप या रिसर्च प्रोजेक्ट को शामिल किया गया है। अब इसी सिलेबस में स्नातक की पढ़ाई होगी।

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