सार

झारखंड सरकार के अगले वित्तीय वर्ष के बजट में किसानों के लिए 400 करोड़ का प्रावधान कर सकती है। बताया तो यह भी जा रहा है कि  सरकार इस बार चुनिंदा योजनाओं पर फोकस करेगी। 

रांची. झारखंड विधानसभा का बजट सत्र (Jharkhand Vidhan Sabha Budget Satra) 25 फरवरी से शुरू चुका है। विधानसभा सत्र के दौरान 3 मार्च को आगामी वित्तीय वर्ष 2022-23 का वार्षिक बजट पेश होगा। जिसे वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव पेश करेंगे। बताया जा रहा है कि इस बार बजट में राज्य सरकार गरीब और छोटे किसानों पर फोकस करेगी। साथ ही कोरोना महामारी के दौरान दूसरे राज्यों से लौटकर वापस आने वाले मजदूरों पर भी फोकस होगा।

चार लाख किसानों का कर्ज हो सकता है माफ
दरअसल, झारखंड सरकार के अगले वित्तीय वर्ष के बजट में किसानों के लिए 400 करोड़ का प्रावधान कर सकती है। बताया तो यह भी जा रहा है कि  सरकार इस बार चुनिंदा योजनाओं पर फोकस करेगी। किसनों के बीच चर्चा होने लगी है कि इस बार बजट में एक लाख तक की ऋण राशि चार लाख किसानों की माफ करने का प्रावधान किया जा सकता है। क्योंकि राज्य के 9 लाख किसानों को ऋण माफी के दायरे में शामिल किया जाना था। जिसमें 5 लाख किसानों को 50 हजार रुपये तक का ऋण माफ करने के लिए पिछले बजट में राहत दी गई थी। 

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किसानों के लिए हो सकता है बड़ा ऐलान
वहीं यह भी बताया जा रहा है कि हेमंत सोरेन सरकार किसानों को ऋण माफी की बजाय किसानों को सिंचाई सुविधा, किसानों को मुफ्त में बीज  उपलब्ध कराना, खेती संबंधित साधन भी मुफ्त में दिए जाने का ऐलान हो सकता है। वहीं सरकार किसानों के लिए कई योजनाओं पर विचार कर रही है।

इस बजट से जनता को काफी उम्मीदें 
बता दें कि राज्य सरकार किसानों का अलावा शिक्षा और स्वास्थ्य पर जोर देगी। बताया जा रहा है कि इस बार बजट में बेरोजगारी दूर करने के लिए विशेष पहल की जा सकती है। सरकार की कोशिश हर वर्ग को राहत देने की हो सकती है। सरकार के सामने शिक्षा, रोजगार, महंगाई पलायन जैसी कई चुनौतियां हैं। इसलिए हर वर्ग की निगाह सोरेन सरकार की तरफ टिकी हैं। सभी को उम्मीद है कि इस बार सरकार उन्हें राहत देगी और बजट से राज्य के विकास को पंख लगेगा। 

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किसानों की ये हैं बड़ी समस्याएं
1. किसान को खेती करने के लिए मजदूरी, खाद बीज का खर्च और जुताई का खर्च काफी आता है।
2. फसल नुकसान होने पर सरकार की तरफ से मुआवजा मिलने में परेशानी होती है।
3. नुकसान ज्यादा होता है और फसल बीमा की राशि भी बेहद की कम मिलती है। 
4. किसानों को खेत तक पानी ले जाने में कई परेशानियों का सामना करना पड़ेगा।
5. किसानों को रात में सिंचाई करना पड़ता है क्योंकि दिन में बिजली नहीं रहती है।
6. फसल की पैदावार अच्छी हो जाती है तो भाव अच्छा नहीं मिलता है।
7. हर एक किसान के ऊपर कम से कम एक लाख रुपए का खर्ज है।
8. छोटा किसान अगर जमीन को किराए पर लेकर खेती करता है तो उसे सरकार की तरफ से मिलने वाला मुआवजा नहीं मिलता।
9. जमीन के कागजात इनके नाम पर नहीं होने के कारण उन्हें मुआवजा मिलने में परेशानी होती है।
 

क्या आम जनता की ये परेशानी होंगी दूर
- राज्य सरकार महंगाई और बेरोजगारी को देखते हुए बजट पेश करेगी। 
- युवा और व्यापारी वर्ग सरकार के आस लगाए बैठे हैं कि इस बार उनके लिए सरकार के पिटारे में कुछ खास होगा। 
- राज्य सरकार के बजट से महिलाएं काफी उम्मीदें लगाए बैठी हैं।
- महिलाओं का यह कहना है कि  घर का खर्चा तो दोगुना हो गया जबकि कमाई कम है।
- कमाई भी पहले के जैसे रही नहीं और महंगाई आसमान छू रही है।
- युवाओं का कहना-रोजगार को लेकर बड़े वादे किए थे लेकिन अब तक धरातल पर ये दिखाई नहीं दे पाए हैं।
- व्यापारी वर्ग चाहता है कि राज्य सरकार बजट में ऐसी व्यवस्था करे, जिससे व्यापारियों को ऋण आसानी से मिल सके।