सार

सरकार का कहना है कि बीजेपी यहां पर भी कर्नाटक और एमपी वाला फॉर्मूला अपनाना चाहती है। लेकिन यह झारखंड यहां ऐसा कुछ नहीं हो पाएगा। वहीं इस पूरे मामले पर अभी तक बीजेपी की तरफ से किसी नेता का कोई बयान सामने नहीं आया है।

रांची. झारखंड से बड़ी खबर सामने आई है। जहां प्रदेश में हेमंत सरकार के खिलाफ चल रही साजिश का पर्दाफाश हुआ है। रांची के होटलों में स्पेशल शेल ने छापा मार ऐसे 3 लोगों को पकड़ा है जिनके पास से भारी मात्रा में कैश था। बताया जा रहा है कि यह लोग सरकार में शामिल विधायकों को पैसे का लालच देकर हेमंत सरकार को गिराने की फिराक में थे। 

एक विधायक की शिकायत पर शुरु हुई छापेमारी
दरअसल, यह ताबड़तोड़ छापे मारी कांग्रेस के बेरमो विधायक कुमार जयमंगल सिंह की शिकायत पर हुई है। बताया जाता है कि विधायक ने 22 जुलाई को कोतवाली थाने में एक पत्र लिखकर विधायकों के खरीद-फरोख्त की आशंका जताई थी। इसके बाद स्पेशल ब्रांच अलर्ट हो गई और शहर के सभी बड़े होटलों में  ताबड़तोड़ छापेमारी की कार्रवाई शुरू कर दी गई। 

सत्ताधारी पार्टी का आरोप, बीजेपी गिराना चाहती है सरकार
जानकारी में सामने आया है कि पकड़े गए यह लोग  हेमंत सरकार के खिलाफ काम कर रहे थे। वहीं  झारखंड मुक्ति मोर्चा इस साजिश के पीछे भारतीय जनता पार्टी का हाथ बताया है। साथ ही दावा किया है कि बीजेपी ही राज्य में सरकार को को गिराने की कोशिश में लगी हुई है। जिसके चलते वह सत्ताधारी पार्टी के विधायकों को खरीदना चाहती है। 

पकड़े गए शख्स- एक बिजनेसमैन तो 2 हैं सरकारी कर्मचारी
पुलिस ने रांची के एक होटल जिन तीन लोगों को गिरफ्तार किया है उनके नाम अभिषेक दुबे, अमित सिंह और निवारण प्रसाद महतो हैं। बताया जा रहा कि तीन में दो तो सरकारी कर्मचारी हैं, वहीं तीसरा एक शराब करोबारी है। इन तीनों के पास से पुलिस ने भारी मात्रा में कैश बरामद किया है। हालांकि कैश कितना है इसकी अभी कोई जानकारी सामने नहीं आई है। 

 'कर्नाटक और एमपी वाला फॉर्मूला' 
जांच में सामने आया है कि यह तीनों लोग सत्ताधारी पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा के कई विधायकों के सम्पर्क में थे। जिनके साथ मिलकर यह पूरी साजिश रची जा रही थी। हालांकि अभी कोई बड़ा नाम सामने नहीं आया है कि इनके पीछे आखिर कौन है। वहीं पुलिस भी इस मामले पर ज्यादा कुछ बोलने से बचना चाहती है। वहीं सरकार का कहना है कि बीजेपी यहां पर भी कर्नाटक और एमपी वाला फॉर्मूला अपनाना चाहती है। लेकिन यह झारखंड यहां ऐसा कुछ नहीं हो पाएगा। वहीं इस पूरे मामले पर अभी तक बीजेपी की तरफ से किसी नेता का कोई बयान सामने नहीं आया है।