सार
झारखंड की राजनीति में फिर उथल-पुथल शुरू हो गई है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन गठबंधन के सभी विधायकों को सीएम हाऊस बुलाया है। बताया जा रहा है कि उन्हें रायपुर ले जाने की तैयारी है।
रांची. झारखंड में एक बार फिर सियासी हलचल शुरू हो गई है। महागठबंधन के सभी विधायकों को रायपुर शिफ्ट किया जा रहा है। सीएम आवास से सभी विधायक दो बसों में सवार होकर रांची एयरपोर्ट पहुंचे। सीएम हेमंत सोरेन भी उनके साथ है। सीएम के अलावा कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे, प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर, मंत्री आलमगीर आलम, बन्ना गुप्ता आदि शामिल हैं। इंडिगो की स्पेशल फ्लाइट से सभी रायपुर रवाना होंगे। सभी विधायकों का सामान 3 गाड़ियों से पहले ही एयरपोर्ट पहुंचा दिया गया था। इधर रांची एयरपोर्ट पर भी हलचल बढ़ गई है। बताया जा रहा है कि 30 और 31 अगस्त तक महागठबंधन के सभी विधायक रायपुर में ही रहेंगे। सभी को रायपुर के मेफेयर रिसोर्ट ले जाया जाएगा। सीएम भी वहीं रहेंगे। दोपहर 12 बजे से ही सभी विधायक सीएम आवास में जुटने लगे थे। महागठबंधन के कुल 32 विधायकों को रांची से रायपुर एयर लिफ्ट किया जा रहा है।
अभी तक राजभवन ने चुनाव आयोग को नहीं भेजा पत्र
मुख्यमंत्री हेमत सोरेन के खनन लिज मामले में चुनाव आयोग ने अपनी जांच पूरी करने के बाद अपना निर्णय सुना दिया है। अब रज्यपाल रमेश बैस को अपना आदेश देना बाकी है। उसके बाद ही आगे की कार्रवाई संभव है। इस संबंध में राजभवन के गैजेट जारी होने के बाद ही आगे की कार्रवाई होगी। राज्पाल द्वारा जारी गेजेट निर्वाचन आयोग विधानसभा स्पीकर को देगा, तब जाकर मामले की कार्रवाई आगे बढ़ सकेगी। कुल मिलाकर कहा जाए तो अभी भी सारा मामला राजभवन के पाले में अटका हुआ है। यही कारण है कि सभी की निगाहें राजभवन की ओर टीकी हुई है।
एक सितंबर को होना है कैबिनेट मिटिंग
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने 1 सितंबर को कैबिनेट की बैठक बुलाई है। इसमें जनता के हित से जुड़े कई अहम फैसले लेने संबंधी बातें कही जा रही है। वहीं विधानसभा अध्यक्ष की तरफ से आज बीजेपी के विधायक दल के नेता बाबू लाल मरांडी की विधायकी से संबंधी फैसले भी आने वाला है। ऐसे में सोमवार को शांत पड़ी झारखंड की सियासत में एक बार फिर से हलचल मचने की संभावना है। इस बीच सोमवार को हेमंत सोरेन के भाई बसंत सोरेन की विधायकी पर भी चुनाव आयोग में चर्चा हुई लेकिन इस पर कोई निर्णय नहीं हो सका।
जनिए पूरा मामला
10 फरवरी को पूर्व मुख्मंत्री रघुवर दास के नेतृत्व में बीजेपी ने राज्यपाल को मुख्यमंत्री की सदस्यता रद्द करने के लिए मांग पत्र सौंपा था। अरोप लगाया था कि सीएम हेमंत सोरेन ने सीएम के पद पर रहते हुए रांची के अनगड़ा में 88 डिसमिल पत्थर माइनिंग लीज लिया है। यह लोक जनप्रतिनिधित्व अधिनियम (RP) 1951 की धारा 9A का उल्लंघन है। गवर्नर ने बीजेपी की यह शिकायत चुनाव आयोग को भेजी। चुनाव आयोग ने शिकायत की पूरी जांच के बाद अपना आदेश राज्यपाल को भेज दिया है।
इसे भी पढ़ें- झारखंड में बढ़ा सियासी सस्पेंस: अब तक नहीं जारी हुई नोटिफिकेशन, सीएम हेमंत सोरेन दे सकते हैं इस्तीफा