सार

डोरंडा कोषागार से कुल 139.35 करोड़ की अवैध निकासी हुई थी। करीब 25 साल तक इस मामले की CBI की विशेष अदालत में सुनवाई चली। 14 फरवरी को अदालत ने इस मामले में लालू यादव को दोषी ठहराया। इसके बाद 21 फरवरी को उन्हें पांच साल जेल और 60 लाख का जुर्माना लगाया गया। 

रांची : डोरंडा कोषागार केस मामले में सजा काट रहे लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) की होली (Holi 2022) जेल में ही मनेगी। यह लगातार दूसरी बार है जब जमानत पर उन्हें झारखंड हाईकोर्ट से मायूसी हाथ लगी है। उनकी जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस अपरेश कुमार सिंह की अदालत ने लोअर कोर्ट का रिकॉर्ड मंगाने का निर्देश दिया है। इसके साथ ही कोर्ट ने ये भी कहा कि अगर सीबीआई लालू की जमानत याचिका पर जवाब देना चाहती है तो कोर्ट में दाखिल कर सकती है। इस मामले की सुनवाई 31 मार्च तक टाल दी गई है। कोर्ट एक अप्रैल को अगली सुनवाई करेगी।

इस वजह से मिल सकती है जमानत
दरअसल, इसी साल चार मार्च को लालू प्रसाद यादव की तरफ से जमानत याचिका लगाई गई थी। लेकिन कुछ गलतियों के कारण उन्हें दोबारा से याचिका दाखिल करना पड़ा। यही कारण है कि याचिका पर सुनवाई की तारीख आगे बढ़ाते हुए 11 मार्च तय की गई थी। जस्टिस अपरेश कुमार सिंह की कोर्ट में इसकी सुनावाई हुई। लालू यादव के वकील देवर्षि मंडल का कहना है कि लालू प्रसाद अपनी आधी सजा जेल में गुजार चुके हैं। इसके अलावा वह इस समय बढ़ती उम्र के कारण 17 प्रकार की बीमारियों से जूझ रहे हैं। इसलिए उन्हें जमानत देने की याचिका लगाई गई है और उम्मीद है कि उन्हें जल्द ही कोर्ट से उन्हें जमानत मिल भी जाएगी।

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परिवार के साथ होली मनाने की उम्मीद थी

बताया जा रहा है कि 10 मार्च यानी गुरुवार को लालू रांची रिम्स के पेइंग वार्ड में पांच राज्यों का चुनाव परिणामों में मशगूल रहे। वो लगातार मोबाइल पर नतीजे देख रहे थे और बुलडोजर बाबा की खबर सुन ठहाके लगा रहे थे। कानून विशेषज्ञ भी लालू के वकील से सहमत हैं। उनका मानना है कि लालू यादव को हाईकोर्ट से जमानत मिल सकती है। इसकी सबसे बड़ी वजह यह होगी कि वह आधी सजा पहले ही जेल में काट चुके हैं। उम्र और बीमारियों को देखते हुए भी अदालत उन्हें जमानत दे सकती है। उम्मीद जताई जा रही थी कि अगर उन्हें जमानत मिलती तो वे होली के मौके पर अपने परिवार के साथ पटना में दिखाई देते।

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21 फरवरी को सुनाई गई थी सजा

बता दें कि डोरंडा कोषागार से कुल 139.35 करोड़ की अवैध निकासी हुई थी। करीब 25 साल तक इस मामले की CBI की विशेष अदालत में सुनवाई चली। 14 फरवरी को अदालत ने इस मामले में लालू यादव को दोषी ठहराया। इसके बाद 21 फरवरी को उन्हें पांच साल जेल और 60 लाख का जुर्माना लगाया गया। बता दें कि लालू यादव को चाईबासा कोषागार से अवैध निकासी के दो मामलों में जमानत मिल चुकी है। इसी तरह देवघर और दुमका कोषागार से अवैध निकासी मामले में भी जमानत मिल चुकी है। ऐसे में उन्हें उम्मीद है कि डोरंडा कोषागार मामले में भी आज उन्हें बेल मिल सकती है।

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