सार

पश्चिम बंगाल में 30 जुलाई के दिन कांग्रेस के तीन विधायकों की गाड़ी में भारी मात्रा में कैश मिलने के कारण उनको वहां की पुलिस ने अरेस्ट कर लिया था, साथ ही पार्टी ने झारखंड के स्पीकर  रबींद्रनाथ महतो को पत्र लिखकर कार्यवाही की मांग की है। साथ ही 1 सितंबर तक जवाब देना है।

रांची( झारखंड): झारखंड में राजनीतिक उथल-पुथल के बीच कांग्रेस ने बड़ा एक्शन लिया है। पश्चिम बंगाल में कैश के साथ पकड़ाए कांग्रेस के निलंबित तीनों विधायकों पर दल बदल कानून (दसवीं अनुसूची) के तहत  कार्रवाई करने की मांग की गई है। कांग्रेस विधायक दल के नेता मंत्री आलमगीर आलम ने तीनों विधायकों पर पार्टी विरोधी कार्य में शामिल होने का आरोप लगाते हुए स्पीकर ट्रिब्यूनल में शिकायत की है। शिकायत के बाद ट्रिब्यूनल ने भी तीनों विधायकों को नोटिस जारी कर दिया है। उन्हें 1 सितंबर को अपना पक्ष रखने को कहा गया है। यह सुनवाई वर्चुअल मोड में होगी। जानकारी हो कि पिछले दिनों कांग्रेस के तीन विधायक डॉक्टर इरफान अंसारी, राजेश कच्छप और नमन विक्सल कोंगाडी पश्चिम बंगाल में 49 लाख रुपए कैश के साथ पकड़े गए थे। पार्टी ने तीनों को निलंबित कर दिया था। 

निलंबित विधायकों को अपने पाला में रखना चाह रही कांग्रेस
बताया जा रहा है कि कांग्रेस निलंबित तीनों विधायकों को अपने पाले में रखना चाह रही है। इसलिए कांग्रेस ने दल बदल कानून के तहत कार्रवाई करवाने का बड़ा एक्शन लिया है। साथ ही कांग्रेस की ओर से अपने अन्य विधायकों को भी यह संदेश देने का प्रयास किया गया है कि पार्टी के खिलाफ जाने पर उनके खिलाफ भी एक्शन लिया जा सकता है। झारखंड में राजनीतिक उथल-पुथल को लेकर कांग्रेस भी अपने विधायकों के साथ लगातार बैठक कर रही है। 

30 जुलाई को पकड़ाए थे तीनों विधायक
जानकारी हो कि 30 जुलाई को झारखंड के तीन विधायक जामताड़ा के डॉ इरफान अंसारी, खिजरी के विधायक राजेश कच्छप, कोलबीरा के विधायक नमन विक्सल कोंगाडी को पश्चिम बंगाल के हावड़ा जिले के पांचला थाना क्षेत्र के रानीहाटी मोड़ के पास पुलिस ने पकड़ा था। कार में भारी मात्रा में नोटों के बंडल मिले थे। तीनों विधायकों के अलावा चालक और एक अन्य को भी गिरफ्तार किया गया था। सभी एक ही कार पर बंगाल से झारखंड आ रहे थे। पैसे कहां से आए इसका जवाब नहीं दे पाने के कारण सभी को गिरफ्तार कर लिया गया था। सीआईडी के जांच में यह बात सामने आई थी कि कोलकाता के महेंद्र अग्रवाल नामक व्यवसायी ने पैसे दिए थे। सीआईडी ने महेंद्र अग्रवाल को गिरफ्तार कर लिया था। जिसके बाद 31 जुलाई को कोलकाता पुलिस ने तीनों विधायकों को गिरफ्तार कर लिया था। उनके साथ रहे दो अन्य को भी गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद उन्हें कोर्ट में पेश किया गया, जहां 10 दिनों की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया था। बाद में सभी को कोलकाता हाई कोर्ट ने जमानत दे दी थी।

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