सार

झारखंड की राजधानी रांची में बर्बरता का मामला सामने आया है। यहां एक महिला बीजेपी नेता ने अपनी नौकरानी के साथ अमानवीय व्यवहार किया है। नौकरानी सुनीता का गंभीर हालत में रिम्स में इलाज चल रहा है। उसने बीजेपी नेता पर कई आरोप लगाए हैं। 

रांची. रिटायर्ड आईएएस महेश्वर पात्रा की पत्नी व भाजपा नेत्री सीमा पात्रा पर एक लड़की के साथ अत्याचार और हैवानियत की सारी सीमाएं पार करने का आरोप लगा है। सुनीता नामक एक लड़की के साथ ऐसी बर्बरता की गई है। सुनीता का गंभीर हालत में रिम्स में इलाज चल रहा है। सुनीता ने आरोप लगाया है कि भाजपा नेत्री ने उन्हें काफी प्रताड़ित किया है। मारपीट कर उसके दांत तोड़ दिए गए। उसे गर्म तावा से दागा गया। इतना ही नहीं फर्श पर पेशाब तक उसे जीभ से साफ करवाया गया। कुछ दिन पहले पुलिस ने सुनीता को भाजपा नेत्री के घर से मुक्त कराया था।

बीजेपी ने किया पार्टी से निष्कासित
तब से उसका इलाज रिम्स में चल रहा है। इधर, मामला सामने आने के बाद सीमा पात्रा को बीजेपी में पार्टी से निष्काषित कर दिया है। प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने यह कार्रवाई की। इधर, सुनीता की जख्मों की जांच फोरेंसिक टीम करेगी। मामला सामने आने के बाद पुलिस भी रेस हो गई है। अंकिता की सुरक्षा में दो पुलिस कर्मियों को रिम्स में तैनात किया गया है। पुलिस आज सुनीता का 164 का बयान दर्ज करा सकती है।

खाना पीना तक नहीं मिलता था, कमरे में बंद रखती थी मैडम
अपनी पीड़ा बताते हुए सुनीता ने कहा कि वह गुमला की रहने वाली है। मैडम सीमा पात्रा के दो बच्चे हैं। बेटी की दिल्ली ने जॉब लगी तो वह 10 साल पहले घर में काम करने दिल्ली गई। 6 साल पूर्व वह रांची वापस आ गई। सुनीता रोकर के घर में काम करती थी। मैडम ने उसे किस बात की सजा दी इसकी जानकारी उसी भी नहीं है। सुनीता ने बताया कि मैडम उसे काफी प्रताड़ित करती थी। उसे खाना नहीं दिया जाता था। उसे कमरे में बंद कर रखा गया था। बिना बात के उसके साथ मारपीट की गई। उसके दांत तक तोड़ दिए गए। उसे इतना प्रताड़ित किया गया कि वह चल भी नहीं पाती थी।

शरीर में कई निशान
वह फर्श पर घिसट-घिसट कर चलती थी। इसके बाद भी मैडम को दया नहीं आती थी। अगर पेशाब कमरे से बाहर चला जाता था तो पिशाब उससे जीभ से साफ करवाया जाता था। उसे गर्म तवे से कई बार दागा गया। जिसके निशान उसके शरीर पर हैं। 

मैडम ने अपने बेटे को भी बताया मानसिक रोगी
सुनीता में बताया कि सीमा पात्रो का पुत्र आयुष्मान उसके साथ मारपीट करने का विरोध करता था। लेकिन मैडम ने पुत्र को भी मानसिक रोगी बताए हुए उसे भर्ती कराया दिया। सीमा के पुत्र की दोस्ती झारखंड सचिवालय में काम करने वाले विवेक बास्के से हुई। विवेक ने ही सुनीता को सीमा के कैद से मुक्त कराया। विवेक ने की थाना में लिखित शिकायत कर मामले को उजागर किया। जिसके बाद पुलिस ने सुनीता को कैद से मुक्त कराया।

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