सार
झारखंड विधानसभा की कार्यवाही बजट सत्र के दूसरे दिन आज बाबूलाल मरांडी को विपक्ष का नेता बनाये जाने पर विधानसभाध्यक्ष के निर्णय में हो रही देरी के खिलाफ भाजपा विधायकों के जबर्दस्त विरोध प्रदर्शन के चलते भोजनावकाश के बाद सिर्फ तृतीय अनुपूरक बजट मांगें ध्वनिमत से पारित कराकर दिनभर के लिए स्थगित कर दी गयी। मंगलवार को राज्य का आगामी वित्तीय वर्ष का बजट पेश किया जाना है।
रांची. झारखंड विधानसभा ने सोमवार को विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के भारी हंगामे के बीच वित्तीय वर्ष 2019-20 के लिए 1214 करोड़, 94 लाख रुपये की तृतीय अनुपूरक बजट मांगों को ध्वनिमत से पारित कर दिया। इसके बाद विधानसभा की कार्यवाही मंगलवार तक के लिए स्थगित कर दी गयी।
मंगलवार को पेश किया जाएगा वित्तीय बजट
झारखंड विधानसभा की कार्यवाही बजट सत्र के दूसरे दिन आज बाबूलाल मरांडी को विपक्ष का नेता बनाये जाने पर विधानसभाध्यक्ष के निर्णय में हो रही देरी के खिलाफ भाजपा विधायकों के जबर्दस्त विरोध प्रदर्शन के चलते भोजनावकाश के बाद सिर्फ तृतीय अनुपूरक बजट मांगें ध्वनिमत से पारित कराकर दिनभर के लिए स्थगित कर दी गयी। मंगलवार को राज्य का आगामी वित्तीय वर्ष का बजट पेश किया जाना है।
हंगामें के बीत ध्वनिमत से पारित हुआ अनुपूरक बजट मांगें
भोजनावकाश के बाद जब अपराह्न दो बजे विधानसभा की कार्यवाही प्रारंभ हुई तो एक बार फिर से भाजपा विधायकों को विरोध प्रदर्शन जारी रहा और उन्होंने लोकतंत्र की हत्या नहीं किये जाने की मांग की। हंगामे के बीच विधानसभाध्यक्ष रवींन्द्र नाथ महतो ने कई बार भाजपा विधायकों से अपना स्थान ग्रहण करने का आग्रह किया लेकिन वह अपनी मांग पर अड़े रहे। इस बीच विधानसभाध्यक्ष ने वित्त मंत्री कांग्रेस के रामेश्वर उरांव को अनुपूरक बजट मांग पर चर्चा प्रारंभ कराने का निर्देश दिया। महतो ने कटौती प्रस्ताव रखने वाले सरयू राय से अपने प्रस्ताव पर सदन में अपनी बात रखने को कहा लेकिन सरयू राय ने सदन में व्यवस्था कायम कराने का अनुरोध किया। जब सरयू राय ने अपना वक्तव्य नहीं दिया तो मंत्री रामेश्वर उरांव ने सदन में अनुपूरक बजट मांगें पारित करने का प्रस्ताव पेश कर दिया जिसे हंगामे के बीच सदन से ध्वनिमत से पारित कर दिया। इस बीच स्वयं सरयू राय ने बिना किसी चर्चा के अपना कटौती प्रस्ताव वापस भी ले लिया।
सोमवार को पारित तृतीय अनुपूरक बजट में जहां आपदा प्रबंधन विभाग के लिए 141 करोड़ रुपये, ग्रामीण विकास विभाग के लिए 360 करोड़ रुपये और पथ निर्माण विभाग के लिए 50 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गयी है। वहीं भवन निर्माण विभाग के लिए 30 करोड़ रुपये, कृषि विभाग के लिए 85 करोड़ रुपये और राजस्व निबंधन विभाग के लिए 27 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गयी है।
(यह खबर समाचार एजेंसी भाषा की है, एशियानेट हिंदी टीम ने सिर्फ हेडलाइन में बदलाव किया है।)