सार

जिंदगी में जो ड्रीम सोचा है, उसे पूरा करने हमेशा कोशिशें जारी रखें। आज नहीं तो कल, आपको अपनी मनमुताबिक मंजिल अवश्य मिलेगी। झारखंड के गढ़वा के रहने वाले शिवेंदु भूषण इसका सशक्त उदाहरण हैं। यूपीएससी-2018 में इन्हें 120वीं रैंक मिली थी। लिहाजा, इन्हें IPS के लिए चुना गया था। शिवेंदु खुश नहीं थे। वे IAS बनना चाहते थे। उन्होंने कोशिश जारी रखी और इस बार वे IAS बनकर ही मानें। बता दें कि 4 अगस्त को UPSC-2019 का रिजल्ट घोषित किया गया है।

गढ़वा, झारखंड.  संघ लोक सेवा आयोग (UPSC-2019) ने 4 अगस्त को अपना रिजल्ट घोषित किया। इसमें गढ़वा के रहने वाले शिवेंदु भूषण ने 83वीं रैंक हासिल करके IAS बनने का अपना सपना साकार कर लिया। जिंदगी में जो ड्रीम सोचा है, उसे पूरा करने हमेशा कोशिशें जारी रखें। आज नहीं तो कल, आपको अपनी मनमुताबिक मंजिल अवश्य मिलेगी। शिवेंदु भूषण इसका सशक्त उदाहरण हैं। यूपीएससी-2018 में इन्हें 120वीं रैंक मिली थी। लिहाजा, इन्हें IPS के लिए चुना गया था। शिवेंदु खुश नहीं थे। वे IAS बनना चाहते थे। उन्होंने कोशिश जारी रखी और इस बार वे IAS बनकर ही मानें। शिवेंदु के पिता शैलेंद्र कुमार वर्मा बताते हैं कि वे  इस समय हैदराबाद स्थित IPS ट्रेनिंग अकादमी में है।


IIT एग्जाम में देशभर में मिली थी 227वीं रैंक
गढ़वा शहर के सहिजना मोहल्ला के रहने वाले शिवेंदु छह भाइयों में चौथे नंबर के हैं। उनकी स्कूलिंग आरके पब्लिक स्कूल से हुई। 12वीं के बाद वर्ष, 2011 में IIT एग्जाम में इन्होंने 227वीं रैंक हासिल की थी। शिवेंदु ने कानपुर से इलेक्ट्रिक इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी करके एक निजी कंपनी में जॉब किया। लेकिन उनका सपना तो आईएएस बनना था। यूपीएससी एग्जाम की तैयारियों को देखते हुए उन्होंने जॉब रास नहीं आ रहा था। लिहाजा, सालभर में ही नौकरी छोड़कर प्रशासनिक सेवा की तैयारी शुरू कर दी। शिवेंदु मानते हैं कि कोशिशें  कभी बेकार नहीं जातीं।