सार
मरने के बाद क्या होता है...मरने के दौरान क्या एहसास रहते हैं। कई सारे सवाल हमारे जहन में तैरते रहते हैं। क्योंकि एक ना एक दिन हम सबका सामना इससे होता है। आइए जानने की कोशिश करते हैं कि मरने के बाद लोगों को क्या दिखता है।
लाइफस्टाइल डेस्क. कहते हैं मौत सबसे बड़ा सच है। इससे कोई बच नहीं पाया है। लेकिन मरने के वक्त और इसके बाद क्या होता है। इस सवाल का जवाब अभी तक नहीं मिल पाया है। हालांकि धर्म में तो कई तरह की चीजें बताई गई हैं। लेकिन साइंस के पैमाने पर अब भी इस विषय से जुड़े सवाल पता नहीं चल पाए हैं। लेकिन इस पर कई शोध चल रहे हैं। हालांकि कुछ लोग जो मेडिकली मरने के बाद वापस जिंदा हुए हैं उन्होंने अपने अनुभव को बताया, जिससे पता चलता है कि मरने के बाद क्या होता है।
मेडिकल रूप से मरकर जिंदा हुए इंसान ने शेयर किए अपने अनुभव
Reddit thread ने उन लोगों से बातचीत की जो मेडिकली मर चुके थे और फिर जिंदा हो गए। Independent.co.uk के मुताबिक ऐसे लोगों को तीन भागों में विभाजित किया गया था। जिसमें पहले वो थे जिन्होंने कुछ महसूस नहीं किया। दूसरे वो थे जो मरने के बाद किसी अन्य शख्स से बात की। जबकि तीसरे वो थे जिन्हें मरने के बाद रोशनी दिखाई दी। मौत का सामना करके आए शख्स से आप इस बात का अंदाजा लगा सकते हैं कि मरने के बाद इंसान के साथ क्या होता है।
40 प्रतिशत लोगों में महसूस हुए अलर्टनेस
इसमें शोध में NYU लैंगोन मेडिकल सेंटर यूके में मेडिसिन के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. सैम पारनिया भी शामिल हुए। उन्होंने कार्डियक अरेस्ट के मरीजों को खोजा और पाया कि 40 प्रतिशत लोग मेडिकली रूप से मरने के बाद कोई ना कोई सतर्कता महसूस की। आइए जानते हैं कुछ लोगों के अनुभव-
पहली कहानी- मैं एक एंजियोग्राम करवा रहा था, स्क्रीन को देखकर और डॉक्टर से बात कर रहा था। अलार्म बंद होने लगे और हर कोई घबरा गया। मेरे आंखों के सामने की दुनिया धुंधली हो गई और सबकुछ काला सा हो गया। अगली बात मुझे याद है कि मेरी आंखें खुल रही थीं और एक डॉ को यह कहते हुए सुनना कि 'हमने उसे वापस ले लिया। यह वास्तव में किसी भी चीज़ से अधिक एक शांतिपूर्ण एहसास था।'
दूसरी कहानी-मैं क्लास प्रजेंटेशन के दौरान गिर पड़ा। मेरी सांसे और खून का प्रवाह रूक गया था। मुझे ऐसा लगा कि मैं कभी ना खत्म होने वाले छेद में गिर गया हूं। मेरे साथी मदद के लिए रो रहे हैं। मुझे फिर से जीवित किया गया था। उसके बाद मुझे कुछ याद नहीं है। हेरोइन लेने के बाद मेरे दिल ने काम करना बंद कर दिया था। ऐसा लगा रहा था कि मैं सपना देख रहा हूं।
तीसरी कहानी-मैं फरवरी 2014 में मैं एक मीटिंग के दौरान गिर पड़ा था। पांच मिनट के लिए मेरा पल्स रेट और हार्ट काम करना बंद कर दिया था। मेरी आखिरी याद घटना के एक घंटे पहले की थी और अगली मेमोरी दो दिन बाद की थी। मैं मेडिकली रूप से कोमा में चला गया था।करीब 40 सेकंड के लिए सबकुच भूल चुका था। उस वक्त जो मुझे एहसास हुआ वह सबसे अलग और प्योर था।
मौत के मुंह से बाहर निकले शख्स ने आगे बताया,'मुझे एंबुलेंस में जब ले जाया जा रहा था उस वक्त का थोड़ा सा याद है। मैं अपने डेड बॉडी को वहां पड़े देख रहा था। मुझे वह इएमटी याद है जो मेरे साथ एंबुलेंस में थी(जिसे मैंने मरने से पहले नहीं देखा था), उसके हरे बाल थे। फिर मैंने खुद को लाइट की बड़ी दीवार के सामने खड़ा पाया। वो हर तरफ फैला हुआ था। उसके बाद मुझे कुछ याद नहीं। इसके बाद मेरी अगली याद अस्पताल की है। मेरे चारो ओर गहरा कोहरा था और वहां मैंने अपने खास दोस्त को देखा।उसने मुझे बताया कि मैं अभी तक नहीं जा सका, कि मुझे कोशिश करते रहना है, और अगर मैंने हार न मानने का वादा किया, तो वह मुझे पृथ्वी पर वापस देखेगा। मैं बिना किसी शब्द के सहमत हो गया, और मुझे तुरंत मेरे शरीर में धकेल दिया गया और मैं होश में आ गया।' जब मैं होश में आया तो मेरी मां ने मुझे बताया कि तुम मर चुके थे।
यूजर ने बताया कि बेहोश होने के बाद क्या हुआ ये मुझे याद नहीं। लेकिन उन चीजों को विस्तार से याद करने में सक्षम था जो उस समय हुई थीं जब मैं कमरे के दूसरी तरफ 'मृत' था।
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