सार
कोरोनावायरस महामारी के इस दौर में काफी लोग मानसिक समस्याओं के शिकार हो रहे हैं। मानसिक समस्याओं में डिप्रेशन सबसे कॉमन है।
लाइफस्टाइल डेस्क। कोरोनावायरस महामारी के इस दौर में काफी लोग मानसिक समस्याओं के शिकार हो रहे हैं। मानसिक समस्याओं में डिप्रेशन सबसे कॉमन है। डिप्रेशन के लक्षण सभी लोगों में एक जैसे नहीं होते और इसकी वजह भी एक नहीं होती। फिर भी कुछ ऐसे लक्षण होते हैं, जिनसे समझा जा सकता है कि कोई व्यक्ति डिप्रेशन की समस्या का शिकार है। कोरोनावायरस महामारी में डिप्रेशन बढ़ने की वजह अकेलापन, बीमारी से संक्रमित होने का डर और बढ़ती आर्थिक परेशानियां हैं। इस महामारी ने कमोबेश सबके जीवन में उथल-पुथल पैदा कर दी है। लोगों की सोशल लाइफ पर इस महामारी का बड़ा बुरा असर पड़ा है। ज्यादातर लोग बस घरों में कैद होकर रह गए हैं। इससे भी मानसिक दबाव बढ़ता है। डिप्रेशन बढ़ने पर सबसे बड़ा खतरा यह रहता है कि लोगों में मन मे आत्महत्या के विचार आने लगते हैं। यह डिप्रेशन की सबसे गंभीर स्थिति होती है, लेकिन इसे दूसरे लोग आसानी से समझ नहीं पाते। जानें डिप्रेशन से बचाव के कुछ टिप्स।
1. उदासी दूर करना जरूरी
जो लोग डिप्रेशन के शिकार होते हैं, वे उदास रहने लगते हैं। उनके चेहरे के हाव-भाव और गतिविधियों से इसे आसानी से समझा जा सकता है। ऐसी स्थिति में फैमिली और फ्रेंड्स को चाहिए कि वे उस व्यक्ति की खास तौर पर केयर करें। उससे बातचीत करें। उसके साथ अपना लगाव दिखाएं और किसी न किसी एक्टिविटी में शामिल कर उसकी उदासी दूर करने की कोशिश करें।
2. उत्साह बढ़ाएं
जो लोग डिप्रेशन के शिकार हैं, उनसे नकारात्मक बातें कभी नहीं करनी चाहिए। ऐसे व्यक्ति से किसी समस्या के बारे में चर्चा करने से उसके मन पर बुरा असर पड़ता है। डिप्रेशन के शिकार लोगों के साथ बहुत संवेदनशीला के साथ पेश आना चाहिए और उसका उत्साह बढ़ाने की कोशिश करनी चाहिए।
3. बहस नहीं करें
जो लोग डिप्रेशन की समस्या से जूझ रहे हैं, वे अगर कभी कोई ऐसी बात बोलें, जिनके पीछे कोई लॉजिक नहीं हो और जो आपको पसंद न हो तो उनसे बहस नहीं करें। कोई ऐसी बात नहीं बोलें, जिससे उनके मन को चोट पहुंच सकती हो। बहस करने से डिप्रेशन के मरीज की समस्या और भी बढ़ जाती है।
4. क्रिएटिव काम में लगाने की करें कोशिश
डिप्रेशन के शिकार वे लोग जल्दी हो जाते हैं, जो ज्यादा संवेदनशील होते हैं। अगर उन्हें किसी क्रिएटिव एक्टिविटी में लगाया जाए तो उनकी समस्या कम हो सकती है और वे बेहतर महसूस कर सकते हैं। डिप्रेशन के शिकार व्यक्ति के इंटरेस्ट और शौक को देखते हुए उसे किसी क्रिएटिव काम में लगाया जा सकता है।
5. साइकेट्रिस्ट से लें सलाह
अगर ऐसा लगता हो कि डिप्रेशन के शिकार व्यक्ति की समस्या गंभीर है, तो साइकेट्रिस्ट से मदद लेने में देर नही करनी चाहिए। आजकल डिप्रेशन की समस्या दूर करने के लिए कई तरह की थेरेपी अपनाई जा रही है। डिप्रेशन के प्राइमरी स्टेज में काउंसलिंग से भी काफी फायदा होता है। अगर काउंसलिंग से बात नहीं बनती है तो डिप्रेशन को दूर करने के लिए मेडिसिन दी जाती है। इससे कुछ दिनों में यह समस्या खत्म हो जाती है।
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