गेहूं के आटा से ज्यादा फायदेमंद होते हैं व्रत में खाए जाने वाले ये पांच आटे
फूड डेस्क: नवरात्रि में 9 दिन के व्रत के दौरान भक्त गेहूं के आटे का सेवन नहीं करते हैं। इसकी जगह वह सिंघाड़े से लेकर कुट्टू और राजगिरे का आटा खाते हैं। इन आटों के हेल्थ बेनिफिट्स जानकर आप भी इसे अपनी डाइट में शामिल कर लेंगे...
| Published : Mar 27 2023, 03:10 PM IST
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कुट्टू का आटा
कुट्टू का आटा पोषक तत्वों से भरपूर होता है। यह ग्लूटेन फ्री होता है, इसलिए वजन घटाने में फायदेमंद है। साथ ही इसमें ब्लड शुगर लेवल भी बहुत कम मात्रा में होता है। इसके अलावा इसमें मल्टीविटामिन, कैल्शियम, मैग्नीशियम, फास्फोरस, प्रोटीन और फाइबर पाया जाता है।
राजगिरे का आटा
राजगिरा एक सुपर अनाज है, जो हड्डियों के स्वास्थ्य के लिए बेहतरीन होता है। साथ ही वेट लॉस में फायदेमंद होता है और पाचन क्रिया को भी बेहतर करता है। इतना ही नहीं इसमें एंटी इन्फ्लेमेटरी और एंटी कैंसर गुण भी पाए जाते हैं। आप राजगिरी के आटे की पूरी, पराठे या लड्डू भी बना सकते हैं।
सिंघाड़े का आटा
सिंघाड़े का आटा भी फाइबर कार्बोहाइड्रेट, आयरन, कैल्शियम, पोटेशियम, जिंक और एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर होता है। यह हमारी हड्डियों को मजबूत करता है। साथ ही खून की कमी भी नहीं होने देता है।
भगर का आटा
भगर या सामो का आटा भी व्रत के दौरान खाया जाता है। यह ग्लूटेन फ्री होता है। इसमें फाइबर, प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट और कई सारे पोषक तत्व पाए जाते हैं। उपवास के दौरान इसका सेवन करने से आप पूरा दिन एनर्जेटिक बने रहते हैं।
साबूदाने का आटा
वैसे हम साबूदाने की खिचड़ी, खीर या वड़े बनाते हैं। लेकिन साबूदाने को पीसकर हम इसका आटा भी बना सकते हैं। यह हमारी बॉडी को इंस्टेंट एनर्जी देने का काम करता है और इसमें विटामिंस, कार्बोहाइड्रेट, खनिज, आयरन, प्रोटीन, कैल्शियम जैसे कई पोशक तत्व पाए जाते हैं। आप साबूदाने को पीसकर इसका आटा बनाकर इसका डोसा, ढोकला, इडली और पराठे बना सकते हैं।
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